थानों में आम लोगों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता

थानों में आम लोगों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता डीआइजी ने एसएसपी भागलपुर, एसपी बांका और एसपी नवगछिया को पत्र लिख कर कई बिंदुओं का अनुपालन थानाध्यक्षों से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया सभी थानों पर 24 घंटे तीन शिफ्ट में एक पुलिस पदाधिकारी और कम से कम एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2015 10:26 PM

थानों में आम लोगों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता डीआइजी ने एसएसपी भागलपुर, एसपी बांका और एसपी नवगछिया को पत्र लिख कर कई बिंदुओं का अनुपालन थानाध्यक्षों से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया सभी थानों पर 24 घंटे तीन शिफ्ट में एक पुलिस पदाधिकारी और कम से कम एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी की तैनाती के लिए लिखा वरीय संवाददाता, भागलपुर फोटो डीआइजी की थानों पर आम लोगों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार नहीं किये जाने और उनकी शिकायत ठीक से नहीं सुनने को लेकर डीआइजी पूर्वीय क्षेत्र भागलपुर उपेंद्र कुमार सिन्हा ने एसएसपी भागलपुर, एसपी बांका और एसपी नवगछिया को पत्र लिखा है. पत्र में आठ बिंदुओं की चर्चा की गयी है और सभी थानाध्यक्षों को उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. डीआइजी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि इस संबंध में पुलिस मुख्यालय स्तर से कई निर्देश निर्गत किये गये हैं, पर अभी तक इसमें अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है. उन्होंने कहा है कि सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराना डीएसपी और इंस्पेक्टर की जिम्मेवारी होगी और थाना स्तर से किसी प्रकार की त्रुटि होने पर आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन देंगे. इन बिंदुओं के अनुपालन का दिया गया है निर्देश – प्रत्येक थाना पर 24 घंटा तीन शिफ्ट में एक पुलिस अधिकारी एवं कम से कम एक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे- सूचना को एकत्रित करने के लिए थाना में लगे बेसिक फोन और मोबाइल को 24 घंटे अटेंड किया जाये. थाना में एक शिकायत पंजी रखी जाये जिसमें फोन से मिलने वाली शिकायत की प्रकृति का जिक्र, शिकायत के निवारण के लिए प्रतिनियुक्त जांच पदाधिकारी का नाम अंकित किया जाये. उन शिकायतों के निवारण के लिए काम हो रहा है या नहीं यह जिम्मेवारी थानाध्यक्ष की होगी- थाना आये आगंतुकों के बैठने के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था की जाये, जहां रोशनी, हवा और पानी की व्यवस्था हो- आगंतुकों की शिकायत सुनने के लिए ड्यूटी ऑफिसर जिम्मेवार होंगे. आगन्तुकों को कागज, कलम और स्वास्थ्य संबंधी जांच उपलब्ध करायी जाये- महिला परिवादी के आने पर महिला पुलिसकर्मी या अधिकारी के समक्ष ही थानाध्यक्ष पूछताछ करेंगे- बैठने के कक्ष में एक शिकायत पंजी रखी जाये जहां आने वालों का विस्तृत ब्योरा दर्ज होगा और कार्रवाई की जानकारी भी रहेगी- अपराध की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष तत्काल कांड दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दें. किसी दूसरे थाना का मामला हो तो संबंधित थाने को आवेदन अनुसंधान के लिए अग्रसारित करें. घटनास्थल को लेकर थाना स्तर से टाल मटोल की बात भी सामने आती रही है जो ठीक नहीं है – आम लोगों का मोबाइल और पर्स गुम होने पर थाना स्तर पर मामला दर्ज करने में आनाकानी एवं विलंब किया जाता है. थानाध्यक्ष अविलंब ऐसी सूचना दर्ज करेंगे एवं सूचना दर्ज कराने की प्राप्ति रसीद आवेदक को उपलब्ध करायेंगे.बॉक्स मैटरबैंको और एटीएम की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा ने एसएसपी को बैंकों और एटीएम की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश दिये हैं. अपने निर्देश में डीआइजी ने कई बिंदुओं पर कारगर कार्रवाई करने के लिए कहा है. निर्देश में रोको-टोको योजना के तहत गश्ती चलाने के लिए कहा गया है. रात्रि गश्ती के दौरान बैंकों के मुख्य द्वार एवं उसके आस-पास सत्यापन के लिए कहा गया है. बैंकों के अंदर बिना किसी प्रयोजन के प्रवेश नहीं देने अंदर प्रवेश करने वालों की गहन जांच करने का निर्देश दिया गया है. सभी थानाध्यक्ष को समय-समय पर वाहनों की चेकिंग करने का निर्देश दिया गया है. करेंसी चेस्ट की सुरक्षा हेतु अलग से डीएपी की तैनाती का आदेश दिया गया है. करेंसी चेस्ट से रोकड़ के आवागमन की जानकारी नीड टू नो के आधार पर संबंधी बैंक कर्मी को हो और कैश ट्रांसफर से दो घंटे पूर्व इसकी सूचना डीएसपी, इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष को एसएमएस से दी जाये. अपराधकर्मियों की निगरानी, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और जिला स्तरीय सुरक्षा कमेटी की बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है. बैंकों से बैंक परिसर और एटीएम के प्रवेश-निकास पर उत्तम कोटि का सीसीटीवी लगाने के लिए कहा गया है.

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