नवंबर में 95 घंटे जाम रहा वक्रिमशिला सेतु
नवंबर में 95 घंटे जाम रहा विक्रमशिला सेतु जिला प्रशासन का जाम से मुक्ति दिलाने का वादा हवा हवाई- कई की जा चुकी हैं जाने, रोते बिलखते रहे स्कूली बच्चे- जनप्रतिनिधि व पुलिस के बीच हुई झड़प – करोड़ों का व्यवसाय हुआ प्रभावित- जाम से पुल का चार व पांच नंबर और 36 नंबर पाये […]
नवंबर में 95 घंटे जाम रहा विक्रमशिला सेतु जिला प्रशासन का जाम से मुक्ति दिलाने का वादा हवा हवाई- कई की जा चुकी हैं जाने, रोते बिलखते रहे स्कूली बच्चे- जनप्रतिनिधि व पुलिस के बीच हुई झड़प – करोड़ों का व्यवसाय हुआ प्रभावित- जाम से पुल का चार व पांच नंबर और 36 नंबर पाये को पहुंचा नुकसान संवाददाता, भागलपुरसूबे की जनता की सुविधा के लिए आज से 15 साल पूर्व बना विक्रमशिला सेतु पर जाम लाइलाज बीमारी बन गयी है. सिर्फ नवंबर में पुल पर लगभग 95 घंटे से अधिक समय तक जाम लगा रहा. इस दौरान पुल से गुजरनेवाले वाहन चालकों, स्कूली बच्चों व रोगियों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी. जाम के कारण एक मरीज ने समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण दम तोड़ दिया, तो सैकड़ों स्कूली बच्चे भूखे-प्यासे जाम में फंसे रहे. हजारों मालवाहक वाहनों के समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचने के कारण व्यवसायियों को बड़ी क्षति उठानी पड़ी. हजारों लोगों को अपने तय कार्यक्रम को छोड़ना पड़ा. हालांकि हर बार महाजाम लगने व त्रााहिमाम मचने के बाद प्रशासन ने जाम से मुक्ति दिलाने का वादा किया. लेकिन स्थिति नहीं सुधरी. इस सेतु पर कभी ट्रकों के खराब होने तो कभी वाहनों के दुघर्टना होने की वजह से जाम लगता रहा है. 14 व 15 नवंबर को लगातार महाजाम इस सीजन का सबसे बड़ा जाम साबित हुआ. गौरतलब है कि इस सेतु का चार व पांच नंबर पाया छह इंच धंस चुका है. 36 नंबर पाया से पत्थर व प्लास्टर झड़ रहा है. सेतु पर जाम छुड़ाने में लगी पुलिस को आम जनता से जलील होना पड़ रहा है. जनता पुलिस पर वाहनों से पैसा वसूली करने के कारण जाम लगने का इलजाम लगा रही है, तो पुलिस का कहना है कि वाहन चालक ट्रैफिक नियम की अनदेखी करते हैं. खासकर ओवरटेक के कारण जाम लगता है. नवंबर में लगे जाम 10 नवंबर : सेतु पर पहुंच पथ के निर्माण कार्य होने व दो ट्रकों के बीच आमने-सामने टक्कर होने की वजह से दिन भर महाजाम लगा था. 14 व 15 नवंबर : इस सीजन का सबसे बड़ा महाजाम लगा था. इस कारण जीरोमाइल से कटिहार सीमा तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. हाइलेवल व विक्रमशिला सेतु के छोर पर इतनी वाहनें खड़ी थी कि कोई भी टस से मस नहीं हो पा रहा था. यह जाम भागलपुर में मूर्ति विसर्जन व नो इंट्री से लगी थी.24 नवंबर : इस रात जाम के कारण डीएसपी मुख्यालय राम कृष्ण गुप्ता व गोपालपुर विधाायक के समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी. इस विवाद को लेकर विधायक से डीएसपी की कहा सुनी हुई थी. मामले की जांच के लिए एडीजी को भागलपुर आना पड़ा था. आज भी यह मामला सूबे के अधिकारियों के बीच हाइप्रोफाइल बना हुआ है. 26 नवंबर: इस दिन लगे जाम के कारण जाह्नवी चौक से नवगछिया तक सात किलोमीटर दूरी तक वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गयी थी. यह जाम सेतु पर पहुंच पथ के निर्माण कार्य व गड्ढे की वजह से लगी थी. 28 नवंबर : रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा सेतु पर जाम में फंसे थे. वे ट्रेन पकड़ने भागलपुर से नवगछिया की ओर जा रहे थे. इस दिन सेतु पर छह घंटे से अधिक समय तक महाजाम में लोग फंसे थे. इस जाम को लेकर जिला परिषद की बैठक में भी सवाल उठाये गये थे. इस दिन गोपालपुर के एक मरीज की जान चली गयी थी. 29 नवंबर : बीते रविवार को भी विक्रमशिला सेतु जाम से कराह उठा था. यहां दो घंटे से अधिक समय तक लगे जाम ने लोगों को त्राहिमाम करने पर मजबूर कर दिया था. दूसरी अोर डीएम ने भी जनता को जाम से लगातार हो रही परेशानी को देखते हुए भागलपुर के एसएसपी व नवगछिया के एसपी को पुख्ता ट्रैफिक प्लान बनाने का निर्देश दिया था. एसएसपी ने कहा था कि लोग सेतु पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर ओवरटेक करते हैं. इससे भी जाम लगता है. ………………………………..जाम लगने के कारण-सेतु व इसके पहुंच पथ की खराब स्थिति-खराब सड़क के कारण गुल्ला टूटने से ट्रकों का फंस जाना-सेतु पर यातायात नियमों का उल्लंघन-टोल टैक्स वसूली की गति धीमी-पहुंच पथ के निर्माण कार्य की गति धीमी-दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाने की व्यवस्था नहीं होना………………………….ऐसे हो सकता है जाम से निदान-पहुंच पथ के निर्माण कार्य में तेजी लायी जाये-पुल पर दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को निकालने की तत्काल क्रेन की हो व्यवस्था-पुल पर सड़क को दुरुस्त कराया जाये-जगह-जगह पुलिस जवानों की हो तैनाती-वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करें