नि:शक्तता के दायरे में जिले में 73456 लोगविश्व नि:शक्तता दिवस आज- मानव शरीर का 40 प्रतिशत या उससे अधिक क्षतिग्रस्त होने पर नि:शक्तता की श्रेणी में रखा जाता है – नि:शक्त व्यक्ति को भारत व बिहार सरकार की ओर से मिलते है कई प्रकार के भत्ता व रियायत – जिले में नि:शक्तता का निर्धारण के लिए महीने में दो बार सदर अस्पताल में बैठता है मेडिकल बोर्ड संवाददाता,भागलपुर नि:शक्तता के कई कारण होते हैं. कुछ लोग जन्मजात नि:शक्त होते हैं और कुछ लोग जन्म के बाद किसी दुर्घटना के कारण नि:शक्त हो जाते हैं. नि:शक्त लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह के कठिनाइयों से जूझते रहते हैं. नि:शक्तता के दर्द को कम करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि व कई प्रकार की रियायत प्रदान की जाती है. आज के वैज्ञानिक युग में नि:शक्तता को कम करने के लिए कई प्रकार के कृत्रिम अंगों का आविष्कार किया जा रहा है. आज कृत्रिम अंग अपना कर हजारों नि:शक्त अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी रहे हैं. खासकर हाथ-पैर से नि:शक्त लोगों के लिए ईजाद अत्याधुनिक उपकरण ने जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है. नि:शक्तता के प्रकार व मिलने वाले लाभ सदर अस्पताल के चिकित्सा सहायक वीरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि मूक बधिर, अंधा, मानसिक रूप से कमजोर, हड्डी की समस्या, हाथ व पैर से क्षतिग्रस्त, जन्मजात नि:शक्त, लकवा आदि से पीड़ित लोगों को नि:शक्तता की श्रेणी में रखा जाता है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक महीने दो बार सदर अस्पताल में नि:शक्तता प्रमाण पत्र बनाने के लिए मेडिकल बोर्ड की बैठक होती है. मेडिकल बोर्ड में जेएलएनएमसीएच, सदर अस्पताल के अलावा सबौर, नाथनगर, जगदीशपुर पीएचसी के डॉक्टरों को शामिल किया जाता है. उन्होंने कहा कि नि:शक्तता प्रमाण पत्र वाले व्यक्तियों को प्रति माह 400 रुपये सरकारी सहायता मिलती है. इसके अलवा नि:शक्त बच्चे को पठन-पाठन के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है. रेल यात्रा में भी सरकार की ओर से रियायत दी जाती है. इतना ही नहीं सरकारी नौकरी में भी नि:शक्त व्यक्ति को चयन में छूट प्रदान की जाती है.
नि:शक्तता के दायरे में जिले में 73456 लोग
नि:शक्तता के दायरे में जिले में 73456 लोगविश्व नि:शक्तता दिवस आज- मानव शरीर का 40 प्रतिशत या उससे अधिक क्षतिग्रस्त होने पर नि:शक्तता की श्रेणी में रखा जाता है – नि:शक्त व्यक्ति को भारत व बिहार सरकार की ओर से मिलते है कई प्रकार के भत्ता व रियायत – जिले में नि:शक्तता का निर्धारण के […]
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