शराब के कारोबार ने बढ़ाया अपराध

भागलपुर: उत्पाद विभाग व पुलिस की मिलीभगत से शहर में करोड़ों रुपये के शराब का अवैध धंधा चल रहा है. शहर में शराब पीनेवालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. एक अनुमान के अनुसार 60 प्रतिशत लोग अवैध रूप से बिकनेवाला शराब पीते हैं. शराब के इस अवैध कारोबार ने शहर में अपराध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2013 9:51 AM

भागलपुर: उत्पाद विभाग व पुलिस की मिलीभगत से शहर में करोड़ों रुपये के शराब का अवैध धंधा चल रहा है. शहर में शराब पीनेवालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. एक अनुमान के अनुसार 60 प्रतिशत लोग अवैध रूप से बिकनेवाला शराब पीते हैं.

शराब के इस अवैध कारोबार ने शहर में अपराध व अपराधियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि कर दी है. मारपीट, हत्या, छिनतई व मोटरसाइकिल व घरों में चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं. शराब दुकानदारों के अनुसार भागलपुर में हर माह करोड़ों रुपये की अवैध शराब बिकती है. इसमें 60 प्रतिशत शराब सरकारी कोटा से मिलनेवाली है. शराब के कारोबारियों के अनुसार शहर में 12 लाइसेंसी शराब की दुकान है, जो सरकार को प्रति माह चार लाख रुपये राजस्व के रूप में देती हैं.

दुकान से कोटा की शराब बिकनी मुश्किल है, इसलिए इसे कम मुनाफा में छोटे-छोटे करोबारी के हाथ बेच देते हैं. कोटा की शराब या दुकान तो महज दिखावा है. इससे ज्यादा तो चोरी छिपे बाहर से आयी अंगरेजी शराब व पाउच की बिक्री होती है. शहर के हर गल्ली मोहल्ले में चोरी छिपे शराब की बिक्री हो रही है. शराब बंदी को लेकर परबत्ती में अनशन पर बैठी महिला की हालत खराब हो रही है और उत्पाद अधीक्षक सिर्फ जांच करने का आश्वासन दे रहे हैं. पहले तो तीज-त्योहारों पर ड्राइ डे होता था, लेकिन अब उसे भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है.दीपावली पर भी खूब शराब की बिक्री हुई.

बिना बिल बिकती है शराब
शहर में लाइसेंसी दुकानों पर न तो दुकानदार बिल देते हैं और न ही शराब खरीदने वाले मांगते हैं. इस कारण कोटा का शराब कही भी बेच दी जाती है. बाद में खानापूर्ति कर उत्पाद विभाग को रिकार्ड दे दिया जाता है.

पड़ोसी हो रहे परेशान
शराबी अपने परिवार व खुद को बरबाद करता है. पड़ोसी के परेशानी का सबब बन जाता है. अब शहर के हर गली मोहल्ले में शराबियों का शोर ज्यादा हो रहा है. आम आदमी इन शराबियों से परहेज करना ही मुनासिब समझ रहे हैं.

नाश्ते की दुकान व छोटे होटलों में बिकती शराब
शहर के हर चौक चौराहों के पास, नाश्ते की दुकान में अवैध शराब आपको मिल जायेगी. दुकान से 10 से 20 रुपये अधिक देने पर छोटे बच्चे व महिला आपको मुहैया करा देंगे. छोटे होटलों में भी जल्दी निबटाने की शर्त पर आपको शराब मिल जायेगी. सरकारी दुकानों का शटर भले ही रात 10 बजे गिर जाता हो, लेकिन उसके बगल की गुमटी व झोपड़ी में देर रात तक शराब मिलती है. यह सब पुलिस व उत्पाद विभाग के जानकारी में होती है.

प्रशासनिक अभियान महज दिखावा
भागलपुर जिले में शराब की अवैध भट्टी के विरुद्ध प्रशासन की ओर से भले ही अभियान चलाया गया हो, लेकिन आज भी सबौर, सन्हौला, कहलगांव, नाथनगर, जगदीशपुर में अवैध शराब की भट्टियां चल रही है. भागलपुर स्टेशन के पीछे, प्राइवेट बस स्टैंड, शंकर टॉकिज चौक, परबत्ती, खंजरपुर, बरारी, भीखनपुर, नाथनगर, सीटीएस ढालू, मनसकामननाथ चौक, पासीटोला, साहेबगंज, गोलाघाट, आदमपुर चौक आदि दर्जनों जगहों में अवैध शराब बिकती है. यहां चोरी छिपे हर तरह का शराब मिलती है.

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