बदलते मौसम से सांस के रोगी रहें सतर्क

बदलते मौसम से सांस के रोगी रहें सतर्क-बढ़ेगी ठंड, तो डेंगू रोगी होंगे स्वस्थसंवाददाता,भागलपुरबदलते मौसम से सांस के रोगियों की संख्या बढ़ी है. ठंड के समय गरमी का एहसास होने से दमा-खांसी, ब्लड प्रेशर संबंधित बीमारी बढ़ रही है. वरीय चिकित्सकों के अनुसार इस समय सजग रहने से ही लोग इन रोगों से बच सकते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 7:26 PM

बदलते मौसम से सांस के रोगी रहें सतर्क-बढ़ेगी ठंड, तो डेंगू रोगी होंगे स्वस्थसंवाददाता,भागलपुरबदलते मौसम से सांस के रोगियों की संख्या बढ़ी है. ठंड के समय गरमी का एहसास होने से दमा-खांसी, ब्लड प्रेशर संबंधित बीमारी बढ़ रही है. वरीय चिकित्सकों के अनुसार इस समय सजग रहने से ही लोग इन रोगों से बच सकते हैं. वरीय चिकित्सक डाॅ हेमशंकर शर्मा बताते हैं कि वायरल फीवर का संक्रमण तेजी से हाे रहा है. दमा-खांसी, ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो रहा है. हृदय रोग की संभावना बढ़ रही है. लकवा की संभावना बढ़ गयी है. तापमान घटेगा, तो डेंगू स्वत: खत्म हो जायेगा. अभी डेंगू की शिकायत आ ही रही है. झारखंड के राजमहल व पाकुड़ क्षेत्र से डेंगू रोगी लगातार आ रहे हैं. शरीर को गरम कपड़ों से ढकने की कोशिश करें. बाइक चलाने वालों को अतिरिक्त सतर्क रहना चाहिए. थोड़ा गरम महसूस हो तो भी कपड़े में ही रहें. जेएलएनएमसीएच फिजिशियन सह सहायक प्राध्यापक डॉ कपिल कुमार सिंह ने बताया कि बदलते मौसम को ट्रांजिशन फेज कहते हैं. शरद ऋतु में गरमी पड़ने से मनुष्य के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसा होने पर सिरदर्द, तनाव, नाक से पानी, ब्रानकाइटिस, राइनाटिस के लक्षण दिखने लगते हैं. आदमी सुस्त व बीमार पड़ जाता है. जो दमा की बीमारी से ग्रसित रहते हैं, उसमें लक्षण तीव्र हो जाता है. इस तरह का प्रभाव प्रदूषण से हो रहा है. सामान्य मौसम का मजा लेने की बजाय सावधानी के लिए सुबह व शाम को गरम कपड़ा जरूर पहनना चाहिए. स्नान करने में हल्का गरम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. बीमार लोगों को चिकित्सक के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए.

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