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संशोधित : चाहिए था तीन शक्षिक, मिला एक

संशोधित : चाहिए था तीन शिक्षक, मिला एक-बीपीएससी ने जारी किया मैथिली के असिस्टेंट प्रोफेसर का रिजल्ट, टीएमबीयू को ऊंट के मुंह में जीराफोटो : विवि कीसंजीव, भागलपुरबिहार लोक सेवा आयोग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति इंटरव्यू लेना शुरू किया है. रिजल्ट प्रकाशन भी शुरू हो चुका है. इससे तिलकामांझी भागलपुर […]

संशोधित : चाहिए था तीन शिक्षक, मिला एक-बीपीएससी ने जारी किया मैथिली के असिस्टेंट प्रोफेसर का रिजल्ट, टीएमबीयू को ऊंट के मुंह में जीराफोटो : विवि कीसंजीव, भागलपुरबिहार लोक सेवा आयोग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति इंटरव्यू लेना शुरू किया है. रिजल्ट प्रकाशन भी शुरू हो चुका है. इससे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और इसके क्षेत्र के अधीन सात जिलों के लोगों की उम्मीद जग गयी थी. लोगों को आस थी कि शिक्षकों की भारी कमी झेल रहा भागलपुर विश्वविद्यालय के छात्रों की पढ़ाई अब बाधित नहीं होगी. लेकिन शुक्रवार को बीपीएससी द्वारा प्रकाशित मैथिली के असिस्टेंट प्रोफेसर के रिजल्ट ने यहां के लोगों की सारी उम्मीद पर पानी फेर दिया. मैथिली विषय में भागलपुर विश्वविद्यालय के लिए केवल एक असिस्टेंट प्रोफेसर अमिताभ चक्रवर्ती चयनित किये गये हैं, जबकि यहां तीन असिस्टेंट प्रोफेसर की जरूरत थी. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में एक पीजी विभाग और 29 कॉलेज हैं. पीजी विभाग में एकमात्र शिक्षक प्रो केष्कर ठाकुर हैं, जो विभागाध्यक्ष भी हैं. यहां एक प्रोफेसर, दो रीडर व तीन लेक्चरर चाहिए. एक दिन में छह से आठ क्लास होना चाहिए, जो एक शिक्षक से संभव नहीं हो पाता. विद्यापति, चंदा झा, पत्रकारिता, अलग-अलग गद्य व नाटक पत्र के विशेषज्ञ नहीं है. डॉ ठाकुर कथा, उपन्यास व मैथिली साहित्य के इतिहास के विशेषज्ञ हैं. यहां 11 रिसर्च स्कॉलर हैं. इनके लिए शिक्षकों की भारपायी यक्ष प्रश्न है. दूसरी ओर मैथिली के शिक्षक केवल तीन कॉलेजों में कार्यरत हैं. मैथिली जैसे विषय की पढ़ाई दम तोड़ती दिख रही है. इसकी पढ़ाई सिर्फ टीएनबी कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज व सबौर कॉलेज में होती है. शिक्षकों के सृजित पद पर गौर करें, तो टीएनबी कॉलेज में तीन पद सृजित हैं और इसके मुकाबले एक शिक्षक कार्यरत हैं. यानी यहां दो शिक्षक चाहिए था. सबौर कॉलेज में एक शिक्षक की जरूरत थी. मारवाड़ी कॉलेज में दो पद सृजित हैं, जिस पर शिक्षक नियुक्त हैं. अन्य कॉलेजों में मैथिली विषय के लिए शिक्षकों के पद कभी सृजित ही नहीं किये गये.

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