एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेज में घटायी सीटों की संख्या

एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेज में घटायी सीटों की संख्या- 100 की जगह अब फिर 50 सीट – 2013 में 50 से बढ़ा कर 100 सीट की गयी थी आधारभूत संरचना व फैकल्टी की संख्या में कमी के कारण एमसीआइ ने की है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश संवाददाता, भागलपुर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआइ) ने केंद्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 11:56 PM

एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेज में घटायी सीटों की संख्या- 100 की जगह अब फिर 50 सीट – 2013 में 50 से बढ़ा कर 100 सीट की गयी थी आधारभूत संरचना व फैकल्टी की संख्या में कमी के कारण एमसीआइ ने की है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश संवाददाता, भागलपुर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआइ) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जो सिफारिश भेजी है, उसमें कहा गया है कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर में फैकल्टी की भारी कमी है और पर्याप्त आधारभूत संरचना भी नहीं है. इस वजह से छात्राें की संख्या 100 की जगह 50 कर दी जाये. इसके अलावा दरभंगा में 100 की जगह 90, पीएमसीएच पटना में 150 की जगह 100, एनएमसीएच पटना में 100 की जगह 50, गया में 100 की जगह 50 और मुजफ्फरपुर में 100 की जगह 50 सीटें करने की भी सिफारिश की है. सिफारिश में कहा गया है कि सीटों के हिसाब से फैकल्टी की संख्या नहीं होने के कारण छात्रों की पढ़ाई मानक के हिसाब से नहीं हो पा रही है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रधान सचिव ने अपने एफिडेविट में हर साल फैकल्टी बढ़ाने का आश्वासन दिया, लेकिन पिछले तीन सालों से उसे पूरा नहीं किया गया. पिछले तीन सत्र से 100 छात्रों का हो रहा नामांकनजवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन सत्रों 2013-14, 2013-14 और 2015-16 से एमबीबीएम कोर्स में 50 की जगह 100-100 छात्रों का नामांकन लिया जा रहा था. मेडिकल काॅलेज में 50 की जगह 100 सीटें इस आधार पर बढ़ायी गयी थी कि कॉलेज में आधारभूत संरचना के साथ-साथ फैकल्टी की संख्या भी बढ़ेगी. राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने एमसीआइ, दिल्ली को हर साल अपने एफिडेविट में आधारभूत संरचना व फैकल्टी की कमी को दूर करने की बात की थी. सिफारिश में आधारभूत संरचना में 85 प्रतिशत की कमी और फैकल्टी में करीब 40 प्रतिशत की कमी बतायी गयी है. फैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट के अलावा नॉन क्लिनिकल में ट्यूटर को शामिल किया जाता है. मेडिकल कॉलेज में सीटों की संख्या घटाने से छात्रों में बुरा संदेश जायेगा. पहले से ही डॉक्टरों की संख्या कम है. उन्होंने कहा कि भागलपुर मेडिकल काॅलेज में 28 प्रतिशत फैकल्टी की ही कमी है. वहीं आधारभूत संरचना में भी कोई खास कमी नहीं है. डॉ आरसी मंड, अस्पताल अधीक्षक, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज

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