वीसी को छात्रों ने बनाया बंधक

भागलपुरः गों को लेकर छात्र समागम के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनके वर्मा को बंधक बना लिया. लगभग चार घंटे तक कुलपति छात्रों की गिरफ्त में रहे और अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकल पाये. इस दौरान विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर ही रोक दिया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2013 5:08 AM

भागलपुरः गों को लेकर छात्र समागम के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनके वर्मा को बंधक बना लिया. लगभग चार घंटे तक कुलपति छात्रों की गिरफ्त में रहे और अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकल पाये. इस दौरान विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर ही रोक दिया गया था.

हंगामे की सूचना पर पहुंचा पुलिस का वज्र वाहन विश्वविद्यालय परिसर में खड़ा रहा और पुलिस के जवान मुंह देखते रह गये. छात्र समागम के कार्यकर्ता सुबह नौ बजे ही विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में प्रवेश कर गये और गेट में अंदर से ताला जड़ दिया. लगभग 50 की संख्या में छात्र समागम के कार्यकर्ता वीसी चैंबर के बाहरी गेट पर संगठन का बैनर टांग कर कुलपति के विरोध में नारेबाजी करने लगे. इस दौरान छात्र नीचे से ऊपर तक उधम मचाते रहे. ऊपरी तल पर वीसी चैंबर की ओर जानेवाले रास्ते पर स्थित गेट कर्मियों ने पहले ही बंद कर दिया था, इसलिए एक भी छात्र कुलपति के पास नहीं पहुंच सके.

इस बीच डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार व कुलानुशासक डॉ रामप्रवेश सिंह कुलपति के साथ छात्रों की मांग पर चर्चा करते रहे. बाद में अधिकारी द्वय ने आकर कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि एक सप्ताह के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा. इसके बाद करीब एक बजे सभी कार्यकर्ता नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे लगाते हुए बाहर निकल गये. फिर बाहर में खड़े कर्मचारी काम पर जुट सके. छात्र समागम के विवि अध्यक्ष सोमू राज ने बताया कि उनकी मांग है कि छात्र संघ का चुनाव हो, परीक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जांच विजिलेंस से करायी जाये, उत्तरपुस्तिका की खरीदारी में गड़बड़ी की जांच कमेटी करे, एकेमिक कैलेंडर लागू हो, पार्ट वन, टू व थ्री के रिजल्ट 30 दिनों के अंदर प्रकाशित हो. मौके पर मनीष सिंह, मनीष झा, पवन कुमार, दीपक यादव, कुंज बिहारी चौधरी, राहुल कुमार, अमित कुमार, आशीष कुमार, अंकित आदि मौजूद थे.

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