एमसीआइ के मानक पर खरे नहीं उतर पाये जेएलएनएमसीएच

एमसीआइ के मानक पर खरे नहीं उतर पाये जेएलएनएमसीएच – मानक के हिसाब से मेडिकल काॅलेज में 30 फीसदी फैकल्टी कम- 100 सीट के हिसाब से न तो रिसर्च विंग और न ही लाइब्रेरीलेक्चर थियेटर और ऑडोटोरियम भी एमसीआइ मानक पर खरे नहीं संवाददाता, भागलपुर भारतीय चिकित्सा परिषद ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अगले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 9:06 PM

एमसीआइ के मानक पर खरे नहीं उतर पाये जेएलएनएमसीएच – मानक के हिसाब से मेडिकल काॅलेज में 30 फीसदी फैकल्टी कम- 100 सीट के हिसाब से न तो रिसर्च विंग और न ही लाइब्रेरीलेक्चर थियेटर और ऑडोटोरियम भी एमसीआइ मानक पर खरे नहीं संवाददाता, भागलपुर भारतीय चिकित्सा परिषद ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र 2016-17 से एमबीबीएस में नामांकन की 100 सीटों से घटा कर 50 सीट करने की सिफारिश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से की है. अगर एमसीआइ की सिफारिश को स्वास्थ्य मंत्रालय मान लेता है, तो अगले साल मेडिकल कॉलेज भागलपुर में मात्र 50 सीटों पर ही एमबीबीएम छात्रों का नामांकन हो सकेगा. एमसीआइ ने अपनी सिफारिश में सीट घटाने का कारण कॉलेज में 100 सीटों के हिसाब फैकल्टी और बुनियादी सुविधाएं नहीं होना बताया है. मात्र 46 मेडिकल प्रोफेसर, जबकि 200 पद स्वीकृत जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमसीआइ मानक के मुताबिक 200 मेडिकल प्रोफेसर होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में मात्र 46 प्रोफेसर ही कॉलेज में उपलब्ध हैं. कहा जा रहा है कि कई सालों से एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद के लिए प्रोन्नति नहीं मिली है. यही कारण है कि काफी पद खाली पड़ा है. इसी प्रकार अन्य फैकल्टी में सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, पारा मेडिकल स्टाफ की भी भारी कमी है. मेडिकल कॉलेज में 9 विभागों में पीजी की पढ़ाई होती है. फिलहाल रिसर्च विंग नहीं है. इतना ही नहीं लाइब्रेरी में देश व विदेश की बेहतर जर्नल नहीं आती है. 100 छात्रों के हिसाब से लाइब्रेरी को अपग्रेड नहीं किया गया है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज का सर्जरी विभाग, बर्न विभाग, गायनी विभाग, पैथोलॉजी टेस्ट, बायोप्सी जांच आदि भी मानक के अनुरूप नहीं है. लेक्चर थियेटर और ऑडोटोरियम भी एमसीआइ मानक के मुताबिक पर नहीं है. गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू अस्पताल 600 बेड का है. मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1971 में हुई थी. पहले अस्पताल की सुविधा सदर में ही थी, 1989 में अस्पताल व्यवस्था को सदर से मायागंज शिफ्ट कर दिया गया. कहते हैं प्राचार्यजवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ अर्जुन कुमार सिंह का कहना है कि 100 सीटाें के हिसाब से फैकल्टी व बुनियादी सुविधाएं बनायी जा रही हैं. लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल का निर्माण कराया जा रहा है. जहां तक फैकल्टी की बात है तो प्रोफेसर व डॉक्टर की बहाली सरकार कर रही है. जो भी एमसीआइ की सिफारिश है, उसके हिसाब से काम किया जा रहा है. पिछले साल भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इस बार भी बुलाया जायेगा, तो मेडिकल कॉलेज की स्थिति से स्वास्थ्य मंत्रालय को अवगत करायेंगे.

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