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पेड़ पर घुमावदार लाइट्स लगाने पर खर्च हुआ था 65 लाख, बचा है सिर्फ अवशेष

कुछ साल पहले शहरवासियों ने पुलिस लाइन रोड सहित अन्य जगहों के पेड़ पर घुमावदार लाइटें लगी देखी होंगी. तब वह बड़ा खूबसूरत लग रहा था.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से लगी थी लाइट्स, अब न तो दिख रही है और न ही उस रोड की नजर आ रही है खूबसूरती

वरीय संवाददाता, भागलपुर

कुछ साल पहले शहरवासियों ने पुलिस लाइन रोड सहित अन्य जगहों के पेड़ पर घुमावदार लाइटें लगी देखी होंगी. तब वह बड़ा खूबसूरत लग रहा था. मगर, वह लाइट्स अब न तो दिख रही है और न ही उस रोड की खूबसूरती नजर आ रही है. यह कहीं अगर दिखायी दे रही है, तो वह सिर्फ लोहिया पुल पर. यहां नगर निगम द्वारा लाइट्स लगायी गयी है. लेकिन, स्मार्ट सिटी कंपनी ने जो एलइडी डेकोरेटिव लाइट्स लगायी थी, वह बहुत पहले बर्बाद हो चुकी है. पेड़ पर लटकी लाइट्स की लड़ी का सिर्फ अवशेष बचा है. चौकाने वाली बात यह है कि स्मार्ट सिटी कंपनी ने लाइट की खरीद पर 65 लाख खर्च किया था. यह जांच रिपोर्ट में आयी है. जांच की रिपोर्ट जनवरी 2019 में आयी थी. यह जांच कार्य के विरुद्ध भुगतान के मामले में की गयी थी. गठित जांच दल की जांच रिपोर्ट के अनुसार पूर्णिया के गणेश इलेक्ट्रिकल को 65 लाख का भुगतान एलइडी डेकोरेटिव लाइट्स के लिए दिया गया था. संचिका पर तत्कालीन सीइओ का अनुमोदन तक प्राप्त था. कुल 600 पीस आपूर्ति का आदेश दिया गया था. जबकि, 472 पीस ही आपूर्ति की गयी थी, जो भंडार पंजी में प्रविष्ट नहीं पायी गयी थी. प्रति पीस 14075 रुपये दर क्रय समिति द्वारा निर्धारित किया गया था. जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया था कि सत्यापन प्रतिवेदन अप्राप्त है. भुगतान में आयकर की कटौती नहीं पायी गयी थी. शेष लाइट्स की आपूर्ति के लिए भी कहा गया था. आपूर्ति हुई थी या नहीं, यह स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारी या एजेंसी ही बता सकते हैं. लेकिन, यहां शहर में अब 65 लाख की लाइटें दिख नहीं रही है.

आउट डोर एलइडी की खरीद के लिए 1.39 करोड़ में एडवांस दिया था 40 लाख रुपये

स्मार्ट सिटी कंपनी ने आउट डोर लाइट्स पर भी खर्च किया था. एनियाज इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को 40 लाख रुपये एडवांस में दिए थे. प्रति आउटडोर एलइडी का दर 13 लाख 90 हजार रुपये निर्धारित किया था. 10 पीस आपूर्ति के लिए आदेश दिया गया था. तब की जांच रिपोर्ट में यह बातें भी सामने आयी थी कि अंतिम बिल वेंडर द्वारा नहीं दिया गया है. जांच रिपोर्ट के अनुसार आपूर्तिकर्ता के द्वारा सभी अधिष्ठापित आउट डोर एलइडी का स्वच्छता प्रमाण पत्र (थर्ड पार्टी इंसपेक्शन रिपोर्ट) भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को नहीं दिया गया था. इस बारें में भी पूरी सच्चाई स्पष्ट नहीं हो पा रही है.

बॉक्स मैटर

दिल्ली की एजेंसी को रिफ्यूज कॉम्पैक्टर की खरीद के लिए दिया था 30 लाख अग्रिम

स्मार्ट सिटी कंपनी ने रिफ्यूज कॉम्पैटर की खरीद के लिए नयी दिल्ली की टीपीएस पाइवेट लिमिटेड को 30 लाख रुपये अग्रिम साल 2019 के पहले ही दिया था. जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि टीपीएस द्वारा आपूर्ति सामग्री को भंडार पृष्ठ संख्या 53 में दर्ज करा लिया गया है. लेकिन, यह किस स्थिति में स्मार्ट सिटी कंपनी स्पष्ट नहीं कर पा रही है.

स्मार्ट सिटी कंपनी से पूछे गये सावल :

1 : गणेश इलेक्ट्रिकल्स, पूर्णिया को एलइडी डेकोरेटिव लाइट्स की खरीद के लिए कितनी राशि भुगतान की गयी थी ?2 : संचिका पर तत्कालीन सीइओ का अनुमोदन प्राप्त हुआ था या नहीं?

3 : खरीद के लिए कितने का ऑर्डर दिया गया था और कितनी आपूर्ति की गयी थी. भंडार पंजी में प्रविष्ट है या नहीं ?4 : एलइडी डेकोरेटिव लाइट्स जहां लगायी गयी है, वहां की वर्तमान स्थिति क्या है?

5 : आउटडोर एलइडी की भी वर्तमान स्थिति क्या है और यह कितने जगहों पर चालू है?

कोट

अभी कुछ दिन पहले ही ऑफिस शिफ्ट हुआ है. सवालों का जवाब के लिए कुछ दिन का समय दीजिये.पुरानी फाइलों को निकालना होगा और देखना होगा.

पंकज कुमार, पीआरओ

स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड, भागलपुरB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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