कैनवास पर सजीव हो उठी प्रकृति

कैनवास पर सजीव हो उठी प्रकृति-चित्रकला प्रतियोगिता में किसी ने बनायी मंजूषा तो किसी ने मधुबनी पेंटिंग संवाददाता, भागलपुर भागलपुर महोत्सव 2015 के अंतर्गत पेंटिंग (चित्रकला)प्रतियोगिता में अधिकांश प्रतिभागियों ने प्रकृति पर आधारित चित्र बनाया. सभी ने अपने कैनवास पर उगते सूर्य, वृक्ष की हरियाली, बहती हवा, घर के आसपास वृक्ष, डॉल्फीन, नदी आदि के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 9:10 PM

कैनवास पर सजीव हो उठी प्रकृति-चित्रकला प्रतियोगिता में किसी ने बनायी मंजूषा तो किसी ने मधुबनी पेंटिंग संवाददाता, भागलपुर भागलपुर महोत्सव 2015 के अंतर्गत पेंटिंग (चित्रकला)प्रतियोगिता में अधिकांश प्रतिभागियों ने प्रकृति पर आधारित चित्र बनाया. सभी ने अपने कैनवास पर उगते सूर्य, वृक्ष की हरियाली, बहती हवा, घर के आसपास वृक्ष, डॉल्फीन, नदी आदि के दृश्य को उकेरा. इसके अलावा किसी प्रतिभागी ने भगवान शंकर, श्रीकृष्ण, फल, मोर, शेर, गाय आदि के चित्र बनाये. पेंटिंग प्रतियोगिता में कई प्रतिभागियों ने मंजूषा चित्रकला भी तैयार की. किसी ने झरना व झाड़ी के बीच पक्षियों का चित्र बनाया था, किसी ने नदी के किनारे घर का चित्र बनाया था, तो किसी ने भगवान श्रीकृष्ण का चित्र बनाया. चित्रकला प्रतियोगिता तीन ग्रुप ए,बी व सी में हुई. प्रतियोगिता का निर्देशन राजेश कुमार, विनोद पंडित एवं प्रगति ने किया. विनोद पंडित ने बताया कि ग्रुप सी में 12 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. ग्रुप बी में 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इसमें पल्लवी जोशी ने कामकाजी महिला की चित्र बनायी. पीयूष, किशोर, रिचा ने भी चित्र बनाया. ग्रुप एक में छोटे-छोटे 45 बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिन्हें स्वेच्छा से चित्र बनाने को कहा गया था. किसी ने पक्षी, तो किसी ने पेड़ व फल बनाया. इधर मंजूषा गुरु के निर्देशन में प्रतियोगिता से हट कर 10 महिलाओं सोमा पात्र अधिकारी, सुचिता शरद, विनिता, उषा मंडल आदि ने मंजूषा पेंटिंग बनायी.

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