एक मिनट में बनाता था 15 टिकट, धराया

एक मिनट में बनाता था 15 टिकट, धराया राष्ट्रीय स्तर के टिकट गिरोह का सदस्य है दीपक कुमारमुंबई के कल्याण निवासी रमेश कटरी है गिरोह का सरगनास्पार्क सॉफ्टवेयर के जरिये बनाता था टिकटबाराहाट के चिलबिल गांव स्थित घर से पकड़ायाभागलपुर आरपीएफ इंस्पेक्टर ग्राहक बन कर गये थे उसके घर – फोटो सुरेंद्र संवाददाता, भागलपुर फर्जी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 1:00 AM

एक मिनट में बनाता था 15 टिकट, धराया राष्ट्रीय स्तर के टिकट गिरोह का सदस्य है दीपक कुमारमुंबई के कल्याण निवासी रमेश कटरी है गिरोह का सरगनास्पार्क सॉफ्टवेयर के जरिये बनाता था टिकटबाराहाट के चिलबिल गांव स्थित घर से पकड़ायाभागलपुर आरपीएफ इंस्पेक्टर ग्राहक बन कर गये थे उसके घर – फोटो सुरेंद्र संवाददाता, भागलपुर फर्जी रूप से रेलवे टिकट बनानेवाले गिरोह के सदस्य दीपक कुमार चौधरी को भागलपुर आरपीएफ और बाराहाट पुलिस ने संयुक्त आॅपेशन चलाकर उसके बाराहाट के चिलबिल गांव स्थित घर से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह का सरगना मुंबई के कल्याण शहर निवासी रमेश कटरी है. दीपक के पास से पुलिस ने एक डेस्क टॉप, एक लैपटॉप, 15 पासबुक, 50 फेक आइडी और 120 टिकट बरामद किया. 120 टिकट में से सौ टिकट तैयार था. दीपक अपने घर में ही रेलवे के वेबसाइट को हैक कर फेेक आइडी से 60 सेकेंड में 15 टिकट तैयार करता था. एक टिकट के बदले मिलता था 300-500 रुपयेदीपक मुंबई, बनारस, पुणे, इलाहाबाद, कानपुर, गुजरात, इंदौर आदि जगहों का टिकट बनाता था. दीपक कुमार चौधरी के नाम से इसका अपना ट्रेवल एजेंसी था, लेकिन इसकी आड़ में फेक आइडी तैयार कर फर्जी टिकट तैयार करता था. हर दिन वह अपने सरगना को टिकट तैयार कर मुंबई मेल करता था. उसे एक टिकट के तीन सौ से पांच सौ रुपये मिलते थे. एक साल से वह रमेश कटरी गिरोह से जुड़ा था. रेलवे के बुकिंग क्लर्क का भी हाथगिरफ्तार दीपक ने कई चौकाने वाली जानकारियां दी है. उसने बताया कि इस काम में रेलवे के बुकिंग क्लर्क ने उसे एक एजेंट का नंबर दिया, जिसने उसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया. उसने बताया कि वह स्पार्क सॉफ्टवेयर से टिकट बनाता था और टोबो सॉफ्टवेयर से फॉर्म को तुरंत भर लेता था. उसने आरपीएफ इंस्पेक्टर अनुपम कुमार को कई अहम जानकारी दी और गिरोह के कई सदस्यों के नाम भी बताये. इसकी गिरफ्तारी के लिए रेलवे कोर्ट से सर्च वारंट निकला था. सुबह छह बजे ही आरपीएफ इंस्पेक्टर अकेले उसके घर ग्राहक बन कर गये थे. उनके साथ गयी सात सदस्यीय टीम बाहर ही खड़ी थी. गिरोह के सदस्य भागलपुर में भी सक्रियदीपक की गिरफ्तारी के बाद जल्द ही गिरोह के कई सदस्य पुलिस की गिरफ्त में होंगे. उसने पुलिस को मुंबई के सरगना के अलावा अपने गैंग में शामिल कई सदस्यों के नाम भी बताये. पुलिस को इन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई और जानकारियां मिलेंगी. उसने गैंग में महिला सदस्य के अलावा बाराहाट के मनीष और अमरपुर के मुकेश के होने की बात बतायी. पुलिस को यह भी शक है कि इस गिरोह के सदस्य भागलपुर में भी सक्रिय हैं. दीपक अपने घर में तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर है. छोटा भाई बैंक में है, तो बड़ा भाई पॉल्ट्री फॉर्म चलाता है.

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