स्टेट हेल्थ टीम ने जेएलएनएमसीएच शिशु वार्ड का किया औचक निरीक्षण

स्टेट हेल्थ टीम ने जेएलएनएमसीएच शिशु वार्ड का किया औचक निरीक्षणसंवाददाता, भागलपुर : राज्य सरकार के द्वारा अस्पताल के स्थिति की जांच के लिए गठित स्टेट हेल्थ टीम ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के नीकू वार्ड का आैचक निरीक्षण किया. टीम का नेतृत्व डॉ राम रतन कर रहे थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 11:09 PM

स्टेट हेल्थ टीम ने जेएलएनएमसीएच शिशु वार्ड का किया औचक निरीक्षणसंवाददाता, भागलपुर : राज्य सरकार के द्वारा अस्पताल के स्थिति की जांच के लिए गठित स्टेट हेल्थ टीम ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के नीकू वार्ड का आैचक निरीक्षण किया. टीम का नेतृत्व डॉ राम रतन कर रहे थे. जांच टीम करीब दो बजे नीकू वार्ड पहुंची. जांच के दौरान वातानुकूलित नीकू वार्ड का मुआयना किया. टीम ने जांच में पाया कि सरकार के द्वारा दिये गये दिशा निर्देश के तहत नीकू वार्ड में अधिकांश सुविधाएं उपलब्ध हैं. डॉक्टर व नर्स भी ड्यूटी पर मौजूद थे, लेकिन शिशु वार्ड के ठीक बगल में गायनी विभाग में साफ-सफाई की स्थिति को ठीक करने का निर्देश दिया. टीम ने जब पूछा कि अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक सुबह और शाम वार्ड का निरीक्षण करती हैं, तो बताया गया कि ऐसा नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि सफाई कर्मी बेहतर साफ-सफाई नहीं करते हैं. टीम के साथ टीबी के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ अजय कुमार सिंह, आरपीएम अरूण प्रकाश, केयर इंडिया के डॉ महेंद्र सिंह, अस्पताल प्रबंधक, शिशु वार्ड के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो आरके सिन्हा आदि मौजूद थे. जांच टीम को विभागाध्यक्ष ने बतायी कमियां शिशु वार्ड के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो आरके सिन्हा ने जांच टीम को नीकू वार्ड में कुछ कमियों पर ध्यान दिलायी. उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर कर वार्ड में होने वाले शिशु मृत्यु दर पर अधिक-से-अधिक नियंत्रण किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि 40 लाख की एबीजी मशीन पड़ी है, जो कार्टिलेज उपलब्ध नहीं होने के कारण अनुपयोगी बना हुआ है. वार्ड में रेंडम ब्लड सुगर की सुविधा नहीं है. इमरजेंसी लेबोरेटरी सपोर्ट नहीं है. इसके अलावा वार्ड में छह मेडिकल ऑफिसर की पोस्टिंग होनी है, जो पिछले दो साल से नहीं हुई है. इन्फ्यूजन पंप उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं वार्ड में अधिकांश उपकरण बहुत पुराने हो गये हैं, जो बेहतर रिजल्ट नहीं दे पाते हैं. जैसे- ऑक्सीजन कांसेंटट्रेटर, रेडिएंट वार्मर, फोटोथेरेपी आदि.

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