लोगों को आत्मा के लिए जीना चाहिए, न कि शरीर के लिए

लोगों को आत्मा के लिए जीना चाहिए, न कि शरीर के लिए-श्रीकृष्ण कथा के समापन बोले पर वृंदावन से पधारे देवकीनंदन महाराज बोलेफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरआज हम अपने जीवन में जो भी कार्य करते हैं, वह शरीर की सेवा के लिए करते हैं. अपनी आत्मा के लिए कुछ भी नहीं करते हैं. आत्मा न जन्म लेती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 6:52 PM

लोगों को आत्मा के लिए जीना चाहिए, न कि शरीर के लिए-श्रीकृष्ण कथा के समापन बोले पर वृंदावन से पधारे देवकीनंदन महाराज बोलेफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरआज हम अपने जीवन में जो भी कार्य करते हैं, वह शरीर की सेवा के लिए करते हैं. अपनी आत्मा के लिए कुछ भी नहीं करते हैं. आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है. शरीर मरता है और जन्म भी लेता है. हर सेकेंड शरीर की व्यवस्था बदलती है, आत्मा की नहीं. ऐसे में लोग शरीर के लिए जीना छोड़ दें, आत्मा के लिए जीयें. उक्त बातें वृंदावन से पधारे देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने शनिवार को श्रीकृष्ण कथा के समापन पर कहीं. ठाकुर जी ने इस दौरान सुखी रहे संसार, मन चल रे, चल रे…भजन गाकर भक्तों को झूमा दिया. उन्होंने कहा कि हमलोग हर पल, हर घड़ी मौत की ओर जा रहे हैं. आज की संस्कृति अपने जन्मदिन को उम्र बढ़ाने के साथ मनाते हैं. लोग आज जन्म दिन पर दीप जलाने की बजाय मोमबत्तियां बुझाने लगे हैं. इससे जन्मदिन की खुशी ही बूझ जाती है. जन्म दिन पर एक दीप ही सही प्रज्वलित जरूर करें और गरीब बच्चों में भोजन बांटें. उन्होंने गहरी नदियां, गहरा पानी मोहे मझधार से तुम बचाओ श्याम…भजन गाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारा जीवन सही अर्थ में तब शुरू होता है, जब हम गुरु शरण एवं भगवत शरण में जाते हैं. आयोजन का संचालन विश्व शांति सेवा समिति की अध्यक्ष कुसुम शर्मा ने किया. मौके पर सुनीता सिंह, संगीता वर्मा, रवि खेतान, सूरज शर्मा, अधिवक्ता निशित कुमार मिश्रा, ओम प्रकाश कानोडिया, चांद झुनझुनवाला, गणेश शर्मा, अनिता लोहिया आदि उपस्थित थे. मेयर दीपक भुवानिया ने लिया आशीर्वादठाकुर जी से मेयर दीपक भुवानिया ने आशीर्वाद लिया और कहा कि गुरु के बिना लोगों का कल्याण संभव नहीं है. इस दौरान लोगों से ठाकुर जी को अपना गुरु बनाने की अपील की.

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