नयी तकनीक से ठीक हो रहे कैंसर मरीज

भागलपुर : फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड फेज वाले कैंसर की बीमारी अब लाइलाज नहीं रह गयी है. कैंसर के इलाज के लिए हाल के दिनों में आयी नयी तकनीक जैसे रोबोटिक सर्जरी, लेजर सर्जरी और इंडोस्कोपी स्कल बेस सर्जरी तकनीक ने कैंसर रोगियों को नयी उम्मीद जगा दी है. कैंसर के इलाज की नयी-नयी तकनीक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 6:12 AM

भागलपुर : फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड फेज वाले कैंसर की बीमारी अब लाइलाज नहीं रह गयी है. कैंसर के इलाज के लिए हाल के दिनों में आयी नयी तकनीक जैसे रोबोटिक सर्जरी, लेजर सर्जरी और इंडोस्कोपी स्कल बेस सर्जरी तकनीक ने कैंसर रोगियों को नयी उम्मीद जगा दी है.

कैंसर के इलाज की नयी-नयी तकनीक आ जाने के कारण अब पुरानी तकनीक ओपन सर्जरी की जरूरत ही नहीं रह गयी है. ओपन सर्जरी में जहां चीरा लगाया जाता था, लंबे समय तक समस्या से जूझना पड़ता था, जहां सर्जरी होती थी, उस जगह चेहरा विकृत हो जाता था. अब एडवांस तकनीक में न तो चीरा लगाया जाता है और न ही चेहरा ही विकृत होता है. इसके अलावा ओपन सर्जरी से नयी तकनीक से ऑपरेशन करने से खर्च भी कम आता है.

यह बातें कैंसर रोग के डॉक्टर शांतनु पंजा और डॉ अमित तिवारी ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में बतायी. डॉक्टरों ने बताया कि अब सिर्फ वैसे कैंसर मरीज का ही इलाज संभव नहीं है, जो चौथे फेज में पहुंच जाता है, इसलिए अगर लोगों में कैंसर रोग को लेकर थोड़ी और जागरूकता हो जाये तो कैंसर बीमारी को चौथे फेज में जाने से पहले ही सफल इलाज हो सकता है. मालूम हो कि दोनों डॉक्टर कोलकाता अपोलो हॉस्पिटल में कार्यरत हैं.

एडवांस सर्जरी से लौटायी जा सकती है आवाज : डॉक्टर शांतनु पंजा व डॉ अमित तिवारी ने बताया कि एडवांस सर्जरी के जरिए अब वैसे लोगाें के आवाज को लौटाया जा सकता, जिनकी अावाज किसी कारणवश चली गयी है. अक्सर देखा जाता है कि लड़कों में 13-14 साल की उम्र में आवाज में बदलाव आता है,
लेकिन कुछ लोगाें में यह बदलाव नहीं होने के कारण महिला की तरह आवाज ही रह जाती है. ऐसे लोगों का वोकल कोड में सर्जरी के द्वारा आवाज को ठीक किया जा सकता है.

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