फाइल में अलाव जलने का खेल, हकीकत से नहीं है मेल
फाइल में अलाव जलने का खेल, हकीकत से नहीं है मेल वरीय संवाददाता, भागलपुरआपदा विभाग के ठंड लगने के मानक के अनुरूप मौसम हो गया है. जिले के निगम क्षेत्र व अंचल में कहीं पर भी अलाव जलने की गतिविधि बड़े पैमाने पर शुरू नहीं हाे सकी है. जिला प्रशासन ने आपदा विभाग के बजट […]
फाइल में अलाव जलने का खेल, हकीकत से नहीं है मेल वरीय संवाददाता, भागलपुरआपदा विभाग के ठंड लगने के मानक के अनुरूप मौसम हो गया है. जिले के निगम क्षेत्र व अंचल में कहीं पर भी अलाव जलने की गतिविधि बड़े पैमाने पर शुरू नहीं हाे सकी है. जिला प्रशासन ने आपदा विभाग के बजट को विभिन्न अंचल में भेज दिया है. अब बजट को लेकर कार्ययोजना तैयार की जायेगी. इसमें अलाव जलाने वाले केंद्र की सूची तैयार होगी. इस सूची के बारे में होर्डिंग व बैनर के माध्यम से प्रचार होगा. इन तमाम कवायद के बाद गरीबों व जरूरतमंद लोगों तक सरकारी अलाव की सुविधा पहुंच जाएगी. ऐसे में सवाल यह है कि शीत लहर का प्रकोप दिसंबर के मध्य से शुरू हो जाता है, तो विभाग की कवायद उससे पहले क्यों नहीं शुरू हो जाती, जिससे अलाव जलने वाले केंद्र की पहचान से लेकर पर्याप्त मात्रा में लकड़ी खरीद की कार्रवाई पूर्व में हो जाए. कुल मिलाकर ठंड बढ़ने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई होने से कुछ जरूरत मंद खुद का ठंड भगाने के जुगाड़ में लग जाते हैं, तो कुछ ठंड में ठिठुरने को मजबूर हाेते हैं.