होबे देख्हो, भागलै कैदी
होबे देख्हो, भागलै कैदीअदालत परिसर लाइव वरीय संवाददाता, भागलपुरअदालत परिसर में बुधवार की शाम पांच बजे, अंधेरा होने के कारण अधिकतर अधिवक्ताओं की कुरसियां खाली थीं. कुछ अधिवक्ता बचे हुए भी थे, तो वह खड़े होकर बातचीत के मूड में थे. इस दौरान अधिवक्ता के कारिंदे कुरसी को ठीक कर रहे थे. परिसर के एक […]
होबे देख्हो, भागलै कैदीअदालत परिसर लाइव वरीय संवाददाता, भागलपुरअदालत परिसर में बुधवार की शाम पांच बजे, अंधेरा होने के कारण अधिकतर अधिवक्ताओं की कुरसियां खाली थीं. कुछ अधिवक्ता बचे हुए भी थे, तो वह खड़े होकर बातचीत के मूड में थे. इस दौरान अधिवक्ता के कारिंदे कुरसी को ठीक कर रहे थे. परिसर के एक कोने में स्थित बंदी हाजत गृह के पास सामान्य तौर पर कैदी के आने-जाने का सिलसिला जारी था. वहां की भी हलचल नाम मात्र की रह गयी थी. इस कारण परिसर के अंदर के हाजत गृह के पास तैनात पुलिस वाले इधर-उधर खड़े थे. तभी अचानक एक कैदी भागने लगा. इसके बाद वहां खड़े एक पुलिस वाले ने चिल्लाया, अरे देखो वह भाग रहा है. इसके बाद तो अन्य पुलिस वाले भी चिल्लाने लगे, अरे यह तो कैदी है, जो भाग रहा है. भाग रहे कैदी की बात सुन कर पास में खड़े अधिवक्ता भी चौंक गये और उसका पीछा करने लगे. अधिवक्ता के साथ कारिंदा कैदी का पीछा कर रहे थे और चिल्ला रहे थे कि पकड़ो-पकड़ो कैदी भागी रहलो छै. कैदी के पीछे लोगों की भीड़ भी थी और कैदी कचहरी चौक की तरफ मुड़ गया. भीड़ में से एक व्यक्ति ने कचहरी चौक पर खड़े पुलिस वालों को इशारा किया कि कैदी भाग रहा है, पकड़ें. इतने में कैदी कचहरी चौक तक जा पहुंचा था. वहां खड़े कुछ पुलिसकर्मी तो समझ भी नहीं पाये कि भाग रहा व्यक्ति कैदी है या फिर पॉकेटमार. एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी उसे पकड़ने का प्रयास भी किया लेकिन वह कैदी उसके धक्का देकर ट्रैफिक का फायदा उठाकर त्रिमूर्ति चौक की तरफ भाग गया. समाहरणालय परिसर के अंदर खड़े पुलिस कर्मी भी कौतूहलवश वहां आ गये. पहले तो हल्ला हुआ कि कोई अदालत परिसर से किसी का पॉकेट मारकर भाग गया, मगर पीछा कर रहे लोगों ने बताया कि वह तो कैदी था. इसके बाद तो लोग भौंचक्के रह गये.