जेएलएनएमसीएच में एंटी रैबिज वैक्सिन नहीं
जेएलएनएमसीएच में एंटी रैबिज वैक्सिन नहींसंवाददाता, भागलपुर किसी को कुत्ता, बंदर ने काट लिया है, तो पहले एआरवी (एंटी रैबिज वैक्सीन) बाजार से खरीद लीजिये. फिर लगवाने के लिए अस्पताल का रूख कीजिये. एक माह में एआरवी का कुल पांच डोज लगता है. काटने के पहले दिन पहला, तीसरे दिन दूसरा, सातवें दिन तीसरा, 14वें […]
जेएलएनएमसीएच में एंटी रैबिज वैक्सिन नहींसंवाददाता, भागलपुर किसी को कुत्ता, बंदर ने काट लिया है, तो पहले एआरवी (एंटी रैबिज वैक्सीन) बाजार से खरीद लीजिये. फिर लगवाने के लिए अस्पताल का रूख कीजिये. एक माह में एआरवी का कुल पांच डोज लगता है. काटने के पहले दिन पहला, तीसरे दिन दूसरा, सातवें दिन तीसरा, 14वें दिन चौथा और 28वें दिन पांचवां डोज लगता है. फिलहाल अभी एक महीने तक नहीं मिलेगा एआरवी : डॉ आरसी मंडलइस बाबत जेएलएनएमसीएच अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा कि उन्हें मालूम है कि अस्पताल में एआरवी नहीं है. अभी कम से कम एक महीने तक अस्पताल में एंटी रैबिज वैक्सीन नहीं आयेगा. जब विभाग उपलब्ध करायेगा तभी अस्पताल में एआरवी मिल सकेगा. एक रैबीज का डोज बाजार में 250 रुपये से लेकर 350 रुपये के रेंज में है. एआरवी का पांच डोज लगाने के लिए कम से कम 1250 रुपये खर्च करना पड़ेगा. दुकानदार कभी-कभी इसका ज्यादा दाम भी ले लेते हैं.