सात इंस्पेक्टर-थानाध्यक्ष पर होगी कार्रवाई

भागलपुर: जिले के पुलिस विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष कांडों के निष्पादन में रुचि नहीं ले रहे हैं. जिले के सात इंस्पेक्टर व थानाध्यक्षों के पास कुल 2278 मामले सिर्फ अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं. सारे मामले इस वर्ष के जनवरी से लेकर सितंबर तक के हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2013 9:06 AM

भागलपुर: जिले के पुलिस विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष कांडों के निष्पादन में रुचि नहीं ले रहे हैं. जिले के सात इंस्पेक्टर व थानाध्यक्षों के पास कुल 2278 मामले सिर्फ अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

सारे मामले इस वर्ष के जनवरी से लेकर सितंबर तक के हैं. कांडों के निष्पादन में पुलिस अफसरों द्वारा बरती जा रही शिथिलता को लेकर जोनल आइजी जितेंद्र कुमार ने सात इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश डीआइजी और एसएसपी को दिया है. आइजी ने पुलिस अफसरों को सख्ती हिदायत दी है कि अगर पुलिस अफसर अपने रवैये में सुधार नहीं लाते हैं तो उनके खिलाफ सरकार को लिखा जायेगा. इस संबंध में आइजी ने पूरी रिपोर्ट एसएसपी से मांगी है.

इनके खिलाफ कार्रवाई
1. आरपी वर्मा, इंस्पेक्टर सह सुल्तानगंज थानाध्यक्ष : प्रतिमाह औसतन 45 कांडों का निष्पादन किया गया है. जबकि 231 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़ा है.

2. जगदानंद ठाकुर, इंस्पेक्टर पीरपैंती (अब कोतवाली) : प्रतिमाह औसतन 30 कांडों का निष्पादन किया गया और वर्तमान में 186 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

3. अमरनाथ तिवारी, तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर : प्रतिमाह औसतन 55 कांडों का निष्पादन किया गया. जबकि 667 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

4. महफूज आलम, इंस्पेक्टर सह नाथनगर थानाध्यक्ष : प्रतिमाह औसतन 13 कांडों का निष्पादन किया गया. जबकि वर्तमान में 667 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

5. विनोद गुप्ता, सदर इंस्पेक्टर : प्रतिमाह में औसतन 30 कांडों का निष्पादन किया गया. वर्तमान में 291 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

6. कुमोद कुमार, कहलगांव इंस्पेक्टर : प्रतिमाह औसतन 57 कांडों का निष्पादन किया गया. जबकि वर्तमान में 236 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं.

7. संतोष शर्मा, आदमपुर थानाध्यक्ष : इनके पास 18 कांड अनुसंधान के लिए लंबित पड़े हैं. 2013 में इन्होंने एक भी कांड का निष्पादन नहीं किया है.

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