समय पर नहीं आते चिकित्सक, मरीजों को होती है परेशानी
भागलपुर: पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जेएलएनएमसीएच में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है. अगर कोई मरीज सुबह साढ़े आठ बजे भी परचा ले ले तो उसे जांच कराने के लिए डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ेगा. गुरुवार की सुबह नौ बजे परचा कटना शुरू […]
भागलपुर: पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जेएलएनएमसीएच में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है. अगर कोई मरीज सुबह साढ़े आठ बजे भी परचा ले ले तो उसे जांच कराने के लिए डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ेगा.
गुरुवार की सुबह नौ बजे परचा कटना शुरू हुआ और परचा लेनेवाला पहला मरीज पूर्णिया का था. उसे चिकित्सक ने साढ़े दस बजे देखा और एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी गयी. एक्सरे सहित अन्य जांच कराने के बाद साढ़े बारह बजे रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाया गया और जो दवा लिखी गयी वह बाहर की दुकानों में मिली. अस्पताल से सिर्फ बी कॉम्पलेक्स का सीरप मिला. आउटडोर का समय गरमी के दिन में सुबह साढ़े आठ से साढ़े बारह बजे तक का होता है.
इस दौरान मरीजों को परचा कटाने में भी एक से डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ता है और चिकित्सक से जांच कराने में भी डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ता है. इस दौरान जब चिकित्सक साढ़े बारह बजे चले जाते हैं तो कुछ मरीज बिना इलाज कराये ही वापस लौट जाते हैं. अगर समय पर चिकित्सक व नर्स आ जाये तो आउटडोर में आने वाले लगभग मरीजों की जांच चिकित्सक कर लेंगे. हालांकि प्रबंधन दावा करता है कि आउटडोर में समय का पालन किया जाता है और सभी मरीजों की जांच हो जाती है.