जिले में नक्सली हमले की आशंका, अलर्ट जारी

अमित चौधरी भागलपुर : जिले में नक्सिलयों द्वारा थाना, पुलिस बल, पिकेट और अन्य सरकारी संस्थानों को निशाना बनाये जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए एसएसपी ने सभी इंस्पेक्टर और थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने, सूचना संकलित करने और सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है. सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2016 8:25 AM
अमित चौधरी
भागलपुर : जिले में नक्सिलयों द्वारा थाना, पुलिस बल, पिकेट और अन्य सरकारी संस्थानों को निशाना बनाये जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए एसएसपी ने सभी इंस्पेक्टर और थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने, सूचना संकलित करने और सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है. सभी डीएसपी को भी इसकी सूचना भेजी गयी है.
एसटीएफ एसपी, पटना ने सूचना दी है कि नक्सलियों ने 28 से 31 दिसंबर के बीच सीतामढ़ी जिले के थाना रून्नीसैदपुर के गिद्धा गांव में शहीदी मेला आयोजित किया था. इस मेले में पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई का बदला लेने ‑के लिए भाकपा (माओवादी) के उत्तर पश्चिमी जोनल कमेटी सचिव सह कमांडर रामबाबू राम उर्फ राजन उर्फ प्रहार द्वारा बदला लेने का आह्वान किया गया है.
एसटीएफ एसपी अभियान ने 29 दिसंबर को जिले को सूचना भेजी है. एसएसपी के यहां से 30 दिसंबर को अलर्ट जारी किया गया है.
यहां कर सकते हैं हमला
एसटीएफ एसपी अभियान ने अपने पत्र में लिखा है कि नक्सली पुलिस बल, थाना, पिकेट, सरकारी संपत्ति, चौक-चौराहों तथा सरकारी प्रतिष्ठानों में महापुरुषों की मूर्तियों और स्मारकों पर हमला कर सकते हैं. एसएसपी ने सभी इंस्पेक्टर व थानाध्यक्षों को लिखे पत्र में निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों से संबंधित जानकारी एकत्र करें और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करें.
भागलपुर व बांका में बढ़ रही गतिविधि
बांका व भागलपुर क्षेत्र शुरू से ही नक्सल प्रभावित रहा है. यहां सीपीआइ (माओवादी) के तत्कालीन सीपीआइ(एमएल) सेकेंड सीसी पार्टी के नेतृत्व में सामंतवाद विरोधी आंदोलन हुआ. हालांकि संगठन के विस्तार के पहले ही संघर्ष की शुरुआत होने से वे कुछ कमजोर जरूर हुए, पर उबरने की कोशिश में वे हमेशा लगे रहे. 26 फरवरी 2011 को जोनल कमेटी सदस्य कमल मंराडी और दो सब जोनल कमेटी सदस्य पप्पू कोड़ा और जोसेफ मुर्मू सहित छह को पुलिस ने मार गिराया. सूत्रों की मानें तो उन्होंने हाल में भागलपुर प्रमंडल जोनल कमेटी का गठन कर लिया है. इसलिए भागलपुर प्रमंडल का क्षेत्र नक्सलियों का महत्वपूर्ण गढ़ बनता दिख रहा है.
64 शहीदों का बदला लेने की करते हैं बात
सूत्रों की मानें तो नक्सलियों ने जेबी जोन का नाम बदल कर अब बिहार-झारखंड सीमांत जोनल कमेटी रख दिया है. 2000 से 2014 तक मारे गये विभिन्न पदाधिकारियों को वे शहीद मानते हैं जिनकी मौत हुई है. इन्होंने इन सभी शहीदों का बदला लेने के लिए पुलिस बल और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आह्वान किया है. उन्हीं शहीदों को याद करने के लिए वे विभिन्न जगहों पर शहीदी मेला आयोजित कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो ठंड के मौसम में नक्सली गतिविधियां बढ़ जाती हैं और हमले की आशंका काफी रहती है, क्योंकि नक्सली कोहरे का फायदा उठाते हैं.
बिहार के छह नक्सल प्रभावित जिलों को 171.42 करोड़ की सहायता
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात राज्यों के नक्सलवाद से प्रभावित 35 जिलों के लिए बुधवार को 1000 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी ताकि विकास कार्य किये जा सकें और माओवाद से लड़ने के लिए सुविधाएं हासिल की जा सकें.
प्रभावित क्षेत्रों में झारखंड के 16, छत्तीसगढ़ के आठ, बिहार के छह, ओड़िशा के दो तथा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के एक एक जिले शामिल हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सात राज्यों में वाम चरमपंथ से बुरी तरह प्रभावित 35 जिलों के लिए 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के आवंटन को राज्य वार मंजूरी दी. मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी. मंत्रालय ने प्रति जिला 28.57 करोड़ रुपये की दर से कोष आवंटित किया.
किस राज्य को कितना : विज्ञप्ति के अनुसार झारखंड को 457.12 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 228.56 करोड़ रुपये, बिहार को 171.42 करोड़ रुपये, ओड़िशा को 57.14 करोड़ रुपये तथा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में से प्रत्येक को 28.57 करोड़ रुपये आवंटित किये गये.
कहां होगा इस्तेमाल : गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस राशि का इस्तेमाल विकास कार्यों को लागू करने और नक्सलवाद से लड़ने के मकसद से सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जायेगा.

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