छात्र सुरक्षा के लिए लड़ रहे, प्राचार्य हंगामे से व्यथित
छात्र सुरक्षा के लिए लड़ रहे, प्राचार्य हंगामे से व्यथित-इंजीनियरिंग कॉलेज में लगातार हो रहे हंगामे के निदान के लिए आज एसडीओ करेंगे बैठक वरीय संवाददाता, भागलपुरइंट्रो : भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल की शुरुआत ही हंगामे से हुई. यह हंगामा लगातार जारी है. छात्रों का हंगामा देख प्राचार्य इतने व्यथित हैं कि उन्होंने […]
छात्र सुरक्षा के लिए लड़ रहे, प्राचार्य हंगामे से व्यथित-इंजीनियरिंग कॉलेज में लगातार हो रहे हंगामे के निदान के लिए आज एसडीओ करेंगे बैठक वरीय संवाददाता, भागलपुरइंट्रो : भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल की शुरुआत ही हंगामे से हुई. यह हंगामा लगातार जारी है. छात्रों का हंगामा देख प्राचार्य इतने व्यथित हैं कि उन्होंने अनिश्चितकालीन बंदी घोषित कर दी है. वहीं छात्र भी सुरक्षा की अपनी मांग पर अड़े हैं. 31 दिसंबर की रात छात्रों ने छात्राओं के हॉस्टल के बाहर हंगामा किया और तोड़फोड़ की. इसके दो दिन के बाद खेल के मैदान में ग्रामीणों के साथ भिड़ंत हो गयी. छात्रों ने प्राचार्य के आवास में तोड़फोड़ कर दी. इसके दूसरे दिन एनएच 80 आठ घंटे तक जाम कर दिया. कॉलेज प्रशासन ने मामले से तंग आकर हॉस्टल खाली करने का निर्देश जारी कर दिया. इसके लिए जिला प्रशासन को सहयोग करने का अनुरोध किया. हालांकि अभी तक हॉस्टल खाली नहीं कराया गया है. परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं. कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा बंद कर दिया है……………………………….व्यथित हो गया हूं बच्चों की उदंडता देखकर : प्राचार्यछात्रों के हंगामे से तंग आकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार ने अनिश्चितकालीन कॉलेज बंदी की घोषणा कर रखी है. प्राचार्य ने प्रभात खबर को दूरभाष पर बताया कि क्या नहीं किया इन छात्रों के लिए. नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए कक्षाएं ली. उन्हें बताया कि जीवन के लिए पढ़ाई क्यों जरूरी है. अनुशासन की जिंदगी में कितनी जरूरत है. किस अरमान से उनके अभिभावकों ने उन्हें इस कॉलेज में पढ़ने के लिए भेजा है. लेकिन 31 दिसंबर से छात्रों ने जिस तरह की उदंडता दिखायी है, उससे व्यथित हो गये हैं. परेशान हैं यह सोच-सोच कर कि बच्चे दुनिया के बारे में सोचने को तैयार क्यों नहीं. वे यह इस विषय पर क्यों नहीं सोचना चाहते कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में किस तरह नये-नये खोज हो रहे हैं. ये खोज हंगामा करने और तोड़फोड़ करने से नहीं हो सकते. पिछले दिनों मेरे आवास का गेट तोड़ दिया. संयोग था कि उस दौरान वे नहीं थे. वे कोई भ्रष्ट आचरण करें, तो छात्र बताएं. प्राचार्य ने बताया कि इन्हीं सब घटनाओं से तंग आ गये और खुद कॉलेज बंद करने की घोषणा की है. जिला प्रशासन को हॉस्टल खाली कराना था. अभी तक नहीं कराया गया है. …………………….हमें केवल सुरक्षा मिले और कुछ नहीं : छात्रछात्रों ने बताया कि उनकी डिमांड केवल सुरक्षा की है. ग्रामीणों से उनलोगों का कोई झगड़ा नहीं है. गेट पर आइकार्ड दिखा कर प्रवेश देने का सिस्टम हो. कॉलेज में कोई भी आ जाते हैं फोर व्हीलर और बाइक सीखने के लिए. हमलोग मना करते हैं, तो लड़ाई हो जाती है. गेट पर ही प्रवेश पर रोक लगा रहेगा, छात्र परेशान क्यों होंगे. यह बात तो प्रशासन मानने को तैयार हो गया है. लेकिन सख्ती से पालन भी तो होना चाहिए. एसडीएम सर बोले हैं कि वे कॉलेज सोमवार को आयेंगे. छात्रों का कहना था कि उनलोगों को इस बात की जानकारी है कि छात्राओं के हॉस्टल के बाहर 31 दिसंबर को हर बार छात्र हंगामा करते हैं. ऐसा नहीं हो, इसके लिए पहले ही तैयारी होनी चाहिए. 10-15 लड़के हंगामा करते हैं और बदनाम सभी होते हैं. निर्दोष पर धब्बा लग जाता है. इसके कारण जो सही डिमांड है, वह पूरी नहीं हो पाती है. प्रिंसिपल सर समझाते बहुत अच्छे हैं, पर उन्हें उसी तरह छात्रों की डिमांड पर भी सोचना चाहिए. प्रिंसिपल सर की क्लास में जाना अपने आप में अनूठा अनुभव है. हो सकता है डिमांड पूरा नहीं करने के पीछे कॉलेज प्रशासन की कोई मजबूरी रही हो. हमलोग भी सोचते हैं कि अनुशासित होगा माहौल, तो हमारे कॉलेज की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. ऐसे में कॉलेज प्रशासन को यह तो सोचना ही चाहिए कि छात्र आखिर चाहते क्या हैं. …………………………………..आज होगी बैठकसदर एसडीओ के साथ सोमवार को 12 बजे इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य और कुछ छात्रों की बैठक होगी. इसमें विचार-विमर्श किया जायेगा कि समस्या की जड़ में क्या है. निदान निकाला जायेगा कि आखिर किस तरह माहौल को बेहतर बनाया जाये.