आरटीपीएस: अस्वीकृत व लंबित मामलों की

आरटीपीएस: अस्वीकृत व लंबित मामलों की दाखिल-खारिज और जाति-आवासीय प्रमाणपत्र के अस्वीकृत होनेवाले मामले अधिक अंचल स्तर पर अस्वीकृत व लंबित मामला होने से जनता दरबार में शिकायत बढ़ी वरीय संवाददाता, भागलपुरप्रखंड स्तर पर लोक सेवा अधिकार के तहत आनेवाले आवेदन में लंबित व अस्वीकृत मामलों की संख्या से प्रशासन चिंतित है. इस तरह के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2016 10:54 PM

आरटीपीएस: अस्वीकृत व लंबित मामलों की दाखिल-खारिज और जाति-आवासीय प्रमाणपत्र के अस्वीकृत होनेवाले मामले अधिक अंचल स्तर पर अस्वीकृत व लंबित मामला होने से जनता दरबार में शिकायत बढ़ी वरीय संवाददाता, भागलपुरप्रखंड स्तर पर लोक सेवा अधिकार के तहत आनेवाले आवेदन में लंबित व अस्वीकृत मामलों की संख्या से प्रशासन चिंतित है. इस तरह के मामले को लेकर प्रशासन ने पिछले दिन अंचल वाइज अस्वीकृत मामलों की जांच का आदेश दिया है. लंबित मामलों में देरी के कारण भी जानने के लिये कहा है. जिला प्रशासन ने आरटीपीएस के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन निबटारे की स्थिति में सुधार को लेकर प्रभारी पदाधिकारी को खुद ध्यान देने का निर्देश दिया. प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि आरटीपीएस में मुख्य रूप से दाखिल-खारिज, जाति व आवासीय प्रमाणपत्र बनाने के लिये आवेदन दिया जाता है. दाखिल-खारिज के बगैर कारण कई आवेदन अस्वीकृत होने की शिकायत जनता दरबार में आये हैं. इसके बाद जनता दरबार के माध्यम से भी दोबारा मामले की जांच की कार्रवाई होती है. वर्ष 2015 की आरटीपीएस रिपोर्ट विभाग कुल आवेदन अस्वीकृत लंबित जिलाधिकारी से संबंधित 92053 1536 20606 कार्यालय पुलिस अधीक्षक से संबंधित 4886 45 847 कार्यालय ये हैं अस्वीकृत या लंबित होने के कारण – निर्धारित संख्या से राजस्व कर्मचारी की संख्या का कम होना. – दाखिल-खारिज के मामले में ऑन द प्लॉट जाकर मुआयना करने की प्रवृति में कमी. – राजस्व कर्मचारी को राजस्व से अलग आपदा प्रबंधन, धान आपूर्ति, विभिन्न विकास योजना की रिपोर्ट देना होता है. – सर्वे के बाद जमीन विवाद के मामले के निबटारे में अधिक समय लगना. – कार्यालय में राजस्व कर्मचारी के रहने के बजाय काम के सिलसिले में फिल्ड में होना.

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