ट्रैफिक व्यवस्था पर होती रही बहस, नहीं हुआ सुधार

ट्रैफिक व्यवस्था पर होती रही बहस, नहीं हुआ सुधारतसवीर: आशुतोष18 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैफिक व्यवस्था की बैठक पर जुटेंगे सरकारी विभाग पुराने निर्देश पर कार्रवाई सुस्त, लोगों का भी नहीं मिला सहयोग वरीय संवाददाता, भागलपुरघर से निकलने के बाद गंतव्य तक पहुंचने में लोगों को जाम नहीं मिले, इस अहम विषय पर जिला प्रशासन एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2016 10:24 PM

ट्रैफिक व्यवस्था पर होती रही बहस, नहीं हुआ सुधारतसवीर: आशुतोष18 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैफिक व्यवस्था की बैठक पर जुटेंगे सरकारी विभाग पुराने निर्देश पर कार्रवाई सुस्त, लोगों का भी नहीं मिला सहयोग वरीय संवाददाता, भागलपुरघर से निकलने के बाद गंतव्य तक पहुंचने में लोगों को जाम नहीं मिले, इस अहम विषय पर जिला प्रशासन एक बार फिर 18 जनवरी को बहस करने जा रहा है. मगर ट्रैफिक व्यवस्था की बैठक से पहले हुई बैठक के निर्देश का पालन हुआ या नहीं, यह भी गौर करना जरूरी है. तत्कालीन डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने प्रशासनिक पदाधिकारी व गण्यमान्य लोगों के साथ बैठक कर कुल 13 निर्देश जारी किये थे. इन तमाम निर्देश के हाल की पड़ताल ने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है. जब पुराने निर्देश पर अमल नहीं हो सका, तो नये निर्देश कितने दिन में जमीनी स्तर पर संभव हो पायेंगे. बाक्स——-निर्देश : छह जगहों पर ट्रैफिक पुलिस टू-वे आवाजाही की व्यवस्था करेंगे, इनमें तिलकामांझी चौक, मनाली चौक, कचहरी चौक, खलीफाबाग चौक, रेलवे स्टेशन चौक व भोलानाथ पुल के नीचे के क्षेत्र में जाम लगता है.वर्तमान स्थिति : इन चौक पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हो गयी है, मगर वे यातायात नियंत्रण करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. यहां अक्सर जाम लगता है. —————-निर्देश : एमपी द्विवेदी रोड को वन-वे ट्रैफिक कर दिया जाये. हाल: वन-वे ट्रैफिक प्लान पर नियमित रूप से काम नहीं हो रहा है. ——————–निर्देश : शहरी क्षेत्र की बस जीरोमाइल व बागबाड़ी में ही लगेगी, इसके अलावा किसी अन्य जगह पर लगने पर एफआइआर दर्ज करेंगे. हाल: जीरोमाइल व लोहिया पुल के अलावा बसें तिलकामांझी चौक सहित अन्य चौक पर भी रुक जाती हैं. खासकर तिलकामांझी चौक पर जाम का करण भी सरकारी बसें ही बनती हैं. ———————-निर्देश : चार जगह गुड़हट्टा चौक, नरगा चौक, रेलवे स्टेशन व जीरोमाइल पर ऑटो स्टैंड बनाया जायेगा. इन जगहों के अलावा किसी भी जगह पर ऑटो खड़े नहीं रहेंगे. हाल : ऑटो स्टैंड को लेकर अभी तक नगर निगम स्तर से कोई स्थान चिह्नित नहीं है. हर छोटे-बड़े चौक व सड़कों पर कहीं भी ऑटो खड़े हो जाते हैं. —————————-निर्देश : प्रत्येक ऑटो चालक को पुलिस प्रशासन की तरफ से पुलिस नंबर दिया जायेगा. हाल : कई ऑटो चालक पुलिस नंबर से अछूते हैं. जबकि यह सुरक्षा की दृष्टिकोण से अहम है. —————————निर्देश : स्कूली बस के ठहराव के दो बिंदु के बीच कम से कम 500 मीटर की दूरी रहेगी. हाल : स्कूली बस के ठहराव को लेकर कोई नियम-कायदा नहीं है. ———————————-निर्देश : जरूरी सामान ढ़ोनेवाले वाहन के शहरी क्षेत्र में प्रवेश को लेकर समय तय होंगे. हाल: जरूरी सामान ढ़ोनेवाले वाहन के प्रवेश की समयसीमा को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ———————————–निर्देश: सभी थाना प्रत्येक दिन कम से कम एक घंटा अपने क्षेत्र के किसी सड़क पर बगैर हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ चालान काटेंगे.हाल: बगैर हेलमेट के चालान की कार्रवाई 10 जनवरी से जिला परिवहन पदाधिकारी स्तर से कार्रवाई शुरू हुई है. थाना स्तर से ऐसी कोई कार्रवाई लगातार नहीं की गयी. ———————-यह कहते हैं गण्यमान्य के बोल प्रशासन में इच्छाशक्ति आ जाये, तो कोई भी निर्देश का पालन सुनिश्चित हो जायेगा. ट्रैफिक मामले में यह अब तक नहीं दिखा है. ट्रैफिक प्लान को लेकर सुझाव दिया गया, मगर उस पर काम नहीं हुआ. निर्देश पर जिम्मेवारी तय नहीं हुई, जिससे जाम से छुटकारा नहीं मिल पाया. – प्रकाश चंद्र गुप्ता, समाजसेवी नयी प्रशासनिक व्यवस्था में सभी जाम से निजात दिलाने के प्रति गंभीर हैं. मेरा मानना है कि ट्रैफिक जाम को लेकर जो भी अभियान चलाया जाये, वह कम से कम तीन माह के लिये हो. चाहे वह अतिक्रमण का हो या आम ट्रैफिक ड्राइव. अगर फॉलोअप करेंगे, तो रिजल्ट पॉजिटिव आयेगा. – राजीवकांत मिश्रा, शिक्षाविद पिछले कई डीएम ने शहर के ट्रैफिक जाम के लिये बैठक किया है और निर्देश भी जारी किये हैं. मगर उनके निर्देश का कड़ाई से पालन नहीं होने से समस्या जस की तस है. प्रशासन की मुस्तैदी होने से ही जाम का समाधान होगा. डिवाइडर व नो इंट्री जैसे मामलों में सख्त कदम उठाना होगा. – रामगोपाल पोद्दार………………………………….बाक्स—–ट्रैफिक व्यवस्था पर बहस वाली खबरतसवीर: आशुतोषजर्जर सड़क से ट्रैफिक व्यवस्था हो रही बेदम शहर के प्रमुख चौराहों के समीप जर्जर सड़क भी ट्रैफिक व्यवस्था के बेदम में अहम रोल निभाते हैं. जर्जर सड़क होने से कई बार वाहनों की लंबी कतार लग जाती हैं. वाहन चालक के अनुसार गड्ढों से होकर गुजरने के दौरान वाहन की रफ्तार धीमी हो जाती है. इसी दौरान मोटरसाइकिल आदि का ओवरटेक होने पर ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाती है, जो जाम का कारण बन जाता है. घंटाघर चौक यहां पर सड़क को दुरुस्त करने की कार्रवाई की बात कई माह से की जा रही है, मगर इस ओर काम नहीं हो सका है. चौक से आदमपुर व कचहरी चौक तथा स्टेशन जाने का रास्ता है. ठेला आदि के गुजरने से यहां जाम लग जाता है. —————उल्टा पुल के नीचे उटल पुल के नीचे भागलपुर रेलवे स्टेशन की तरफ या फिर डिक्शन मोड़ के साइड में सड़क गड्ढों में तब्दील हो गयी है. इससे वाहनों के पुल से उतरते समय रफ्तार धीमी हो जाती है और पुल पर अक्सर जाम लग जाता है. —————————कचहरी चौक कचहरी चौक पर बिजली दफ्तर के नजदीक सड़क की हालत खस्ता है. इस सड़क से होकर घंटाघर से वाहन आते हैं. सबसे व्यस्त चौक पर अगर एक तरफ का ट्रैफिक खुलता है तो निर्धारित समय में अधिक से अधिक वाहन निकल नहीं पाते हैं. कई बार जुगाड़ वाहन गड्ढों में फंसकर जाम लगा देते हैं. डीएम का कोटट्रैफिक जाम का समाधान करने के लिये विभिन्न विभागों को बुलाया गया है. उनके प्रस्तावित योजना पर चर्चा होगी और ठोस निर्देश जारी होंगे. ट्रैफिक सुधार करने में आम लोगों को भी सहयोग करना होगा और उन्हें ट्रैफिक नियम का पालन करना होगा. सामूहिक प्रयास से ही कोई भी एक्शन प्लान सफल हो सकता है. आदेश तितरमारे, डीएम, भागलपुर.

Next Article

Exit mobile version