क्रांतिकारी संत थे गुरु गोविंद सिंह महाराज

क्रांतिकारी संत थे गुरु गोविंद सिंह महाराज-सिख के 10वें गुरु गोविंद सिंह की 349वीं जयंती पर गुरुद्वारा में धूमधाम से मना प्रकाशोत्सवफोटो नंबर : सुरेंद्र जीसंवाददाता, भागलपुर सिख के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह महाराज देश, धर्म और समाज को नवीन चेतना प्रदान करने वाले क्रांतिकारी युग पुरुष एवं संत थे. उनका जन्म बिहार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 6:48 PM

क्रांतिकारी संत थे गुरु गोविंद सिंह महाराज-सिख के 10वें गुरु गोविंद सिंह की 349वीं जयंती पर गुरुद्वारा में धूमधाम से मना प्रकाशोत्सवफोटो नंबर : सुरेंद्र जीसंवाददाता, भागलपुर सिख के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह महाराज देश, धर्म और समाज को नवीन चेतना प्रदान करने वाले क्रांतिकारी युग पुरुष एवं संत थे. उनका जन्म बिहार के पटना साहिब में 348 वर्ष पहले हुआ था. इसी खुशी में देश व दुनिया के विभिन्न स्थानों पर धूमधाम से प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है. उक्त बातें गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के सचिव सरदार त्रिलोचन सिंह ने रविवार को गुरुद्वारा परिसर में आयोजित गुरु गोविंद सिंह के 349वें जन्मोत्सव के दौरान कही. इससे पहले रागी जत्था भाई संजय सिंह ने वाहो-वाहो गुरु गोविंद सिंह…भजन प्रकाशोत्सव के दौरान ही शबद-कीर्तन समारोह में गाया. इसके बाद गुरुद्वारा ग्रंथी सरदार जसपाल सिंह ने पटना वाले गुरु गोविंद सिंह…भजन गाया. जयंती बचयानी ने शुभ करमन से कब्हो न टरो… एवं गुरु गोविंद सिंह आपे गुरु आपे ही चेला…भजन गाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया. प्रात: 10 बजे सुखमनी साहब का पाठ हुआ. साढ़े 11 बजे गुरुवाणी भजन कार्यक्रम हुआ. गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष खेमचंद बचयानी एवं जनसंपर्क पदाधिकारी रमेश सूरी ने भी गुरु गोविंद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि धर्म का प्रचार तो सभी लोग करते हैं, लेकिन गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुष ही धर्म की रक्षा करते हैं. इसके बाद गुरु महाराज की आरती व अरदास हुई. इस दौरान बोले सो निहाल, सत श्री अकाल की जयकारा से गुंजायमान होता रहा है. श्रद्धालुओं द्वारा गुरु की पालकी के सामने मत्था टेकने का सिलसिला दिनभर चलता रहा.सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पंगत में छका लंगर कार्यक्रम का समापन अटूट लंगर से हुआ. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर लंगर छका. कार्यक्रम को सफल बनाने में सरदार हरविंदर सिंह, हरचरण सिंह भंडारी आदि का विशेष योगदान रहा.

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