भागलपुर : पुस्तकाें एवं कापियाें से भरे बैग से मिले दर्द से बचपन कराहने को मजबूर है. अपने वजन का करीब 20-25 प्रतिशत वजनी स्कूल बैग उठाने वाले मासूम हाथ-पैर व कंधे का दर्द सहने को मजबूर हो रहे हैं. भारी बैग उठाने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर तो पड़ ही रहा है साथ ही साथ उनमें तनाव का लेवल भी बढ़ रहा है. डॉक्टरों की मानें तो बच्चों को मिल रहा यह दर्द आगे चलकर उन्हें स्पांडिलाइटिस, झुकी हुई कमर और पॉश्चर से जुड़ी समस्या के रूप में और सता सकता है.
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छात्राें को दर्द दे रहा बस्ते का बोझ
भागलपुर : पुस्तकाें एवं कापियाें से भरे बैग से मिले दर्द से बचपन कराहने को मजबूर है. अपने वजन का करीब 20-25 प्रतिशत वजनी स्कूल बैग उठाने वाले मासूम हाथ-पैर व कंधे का दर्द सहने को मजबूर हो रहे हैं. भारी बैग उठाने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर तो पड़ ही रहा है […]
कितना वजन है सही :अगर बच्चे नियमित रूप से अपने वजन का दस प्रतिशत से ज्यादा बोझ अपने कंधे पर उठा रहा है तो उन्हें स्थायी नुकसान होगा. एक अध्ययन के मुताबिक, रोजाना साढ़े पांच से सात किलो या इससे अधिक वजनी स्कूल बैग उठाने से छात्रों के हाथ-पैर व कंधे में दर्द शुरू हो जाता है.
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