आखिर सरिता के लाड़ले की हो ही गयी मौत

आखिर सरिता के लाड़ले की हो ही गयी मौतकहलगांव अस्पताल से भगाने के बाद प्लेटफॉर्म पर दिया था बच्चे को जन्म बेहतर इलाज के लिए जच्चा-बच्चा को लोगों ने भेजा था जेएलएमएनसीएच प्रदीप विद्रोही, कहलगांव गत शनिवार को अनुमंडल अस्पताल कहलगांव के प्रसव कक्ष में हुई स्वास्थ्य सेवा को शर्मशार करने वाली घटना की पीड़िता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2016 11:49 PM

आखिर सरिता के लाड़ले की हो ही गयी मौतकहलगांव अस्पताल से भगाने के बाद प्लेटफॉर्म पर दिया था बच्चे को जन्म बेहतर इलाज के लिए जच्चा-बच्चा को लोगों ने भेजा था जेएलएमएनसीएच प्रदीप विद्रोही, कहलगांव गत शनिवार को अनुमंडल अस्पताल कहलगांव के प्रसव कक्ष में हुई स्वास्थ्य सेवा को शर्मशार करने वाली घटना की पीड़िता सरिता देवी के नवजात शिशु की आज तड़के सुबह भागलपुर स्थित जेएलएनएमसीएच में मौत हो गयी. मां सरिता देवी की स्थिति अभी भी नाजुक बतायी जा रही है. मां का हीमोग्लोबिन निम्नस्तर पर बताया जा रहा है. मौत की पुष्टि अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी हिरेन्द्र कुमार सिंह ने की है. अनुमंडल अस्पताल से पीड़िता को भगाने के बाद कहलगांव स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बच्चे का जन्म गत 16 जनवरी को हुआ था. इधर घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. दोषी एएनएम रूबी कुमारी, किरण देवी, आशा कार्यकर्ता लता कुमारी सहित ड्यूटी पर तैनात डॉ संजय सिंह व डॉ श्रीमती पुष्प सुधा से रविवार को ही डीएम के आदेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी अरुणाभचन्द्र वर्मा व बीडीओ रज्जन लाल निगम ने अस्पताल पहुंचकर जांच के दौरान पूछताछ कर चुके हैं. जांच रिपोर्ट पर डीएम व सिविल सर्जन का निर्देश आना बाकी है. आशा कार्यकर्ता व एएनएम की कार्यशैली पर सवाल घटना के दिन व रेफर के समय जच्चा-बच्चा की स्थिति नाजुक थी. समय से पूर्व बच्चे का जन्म व मां के शरीर में खून की भारी कमी थी. बेहतर उपचार के लिए ही उसे भागलपुर रेफर किया गया था. सवाल उठता है कि गांव में प्रति हजार में एक आशा कार्यकर्ता आखिर अपनी ड्यूटी में क्या करती हैं. प्रखंड स्थित ग्रामीण इलाकों में कुल 307 आशा कार्यकर्ता व 83 एएनएम कार्यरत हैं. अनुमंडल अस्पताल से ही प्राप्त आंकड़े के अनुसार ग्रामीण इलाकों में गत दिसंबर माह में मदर्स डेथ रिपोर्ट, 15 से 45 वर्ष 11 व चाइल्ड्स डेथ रिपोर्ट 0 से 5 वर्ष 32 है, जबकि 16 जनवरी तक मदर्स डेथ रिपोर्ट 6 व चाइल्ड्स डेथ रिपोर्ट 13 हो चुकी है. इस रिपोर्ट से ग्रामीण इलाकों में कार्यरत आशा कार्यकर्ता व एएनएम की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगना लाजिमी है. बच्चे के जन्म के पांच दिन पूर्व दादा का हुआ था श्राद्ध भागलपुर स्थित जेएलएनएमसीएच स्थित महिला वार्ड में भरती पीड़िता सरिता देवी सियां पंचायत स्थित हरचनपुर गांव की रहनेवाली है. सियां पंचायत के मुखिया अर्जुन राम ने बताया कि नवजात की मौत के बाद दोपहर दो बजे से बच्चे की मां सरिता की भी स्थिति काफी बिगड़ गयी है. वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है. सरिता के ससुर किरपाल पासवान की मौत का श्राद्ध कर्म भी बच्चे के जन्म के पांच दिन पूर्व ही हुआ था. 24 घंटे के अंदर दें रिपोर्ट : सीएसकहलगांव अनुमंडल अस्पताल से भगायी गयी प्रसूता के नवजात शिशु की हुई मौत को सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि माता व बच्चे की एमडीआर व सीडीआर रिपोर्ट मंगायी जायेगी. इसके अलावा अस्पताल प्रभारी डॉ हिरेंद्र कुमार सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण में पूछा गया है कि उस समय डॉक्टर, एएनएम व आशा के अलावा कौन-कौन स्टॉफ की ड्यूटी लगी थी. रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर देने के लिए कहा गया है. सीएस ने कहा कि यह भयानक लापरवाही है, इसे किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जायेगा. हर हाल में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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