राजभवन पर टिकी हैं सबकी निगाहें

भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति डाॅ मेवालाल चौधरी के समय नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर मामला गरमाता जा रहा है. वर्तमान कुलपति डाॅ अरुण कुमार सिंह द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट राज्यपाल को भेजे जाने के बाद अब अयोग्य करार दिये गये अभ्यर्थियों की निगाहें राजभवन पर टिकी हैं. सहायक प्राध्यापकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 1:58 AM
भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति डाॅ मेवालाल चौधरी के समय नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर मामला गरमाता जा रहा है. वर्तमान कुलपति डाॅ अरुण कुमार सिंह द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट राज्यपाल को भेजे जाने के बाद अब अयोग्य करार दिये गये अभ्यर्थियों की निगाहें राजभवन पर टिकी हैं. सहायक प्राध्यापकों और जूनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति में पूर्व कुलपति द्वारा की गड़बड़ी करने का मामला जांच में सामने आया है.
राजभवन को भेजी गयी 20 पन्ने की रिपोर्ट पर अगर राजभवन जांच के आदेश देता है तो इस मामले में पूर्व कुलपति समेत कई लोगों की गरदन फंस सकती है. इधर मामले में गड़बड़ी की शिकायत पीएमओ हाउस तक चली गयी है. मामले को लेकर डिप्टी मेयर डा‍ॅ प्रीति शेखर और मृणाल शेखर ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. उन्होंने बताया कि समय मिलते ही वे सारी बातों से राज्यपाल को अवगत करायेंगे.
मानक को भी किया गया दरकिनार : मामले की जांच में यह बात सामने आयी है कि नियुक्ति में मानकों को दरकिनार किया गया. राजभवन आदेश के मिलने के बाद कुलपति डॉ अरुण कुमार सिंह ने डीन पीजी डॉ वीसी साहा, प्रो एन के बाधवानी और प्रो आरएन झा से मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. सात जनवरी को कुलपति ने तीन सदस्यीय टीम द्वारा पेश की गयी जांच रिपोर्ट को राजभवन को भेज दिया.
क्या कहते हैं कुलपति: कृषि विवि के कुलपति डाॅ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्यपाल ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी. विवि की तीन सदस्यीय टीम से जांच रिपोर्ट तैयार कराया. उस रिपोर्ट को राज्यपाल को भेज दिया गया है. रिपोर्ट में क्या था इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता. राज्यपाल के आदेश का इंतजार करें.
भाजपा नेता ने कहा : भाजपा युवा नेता मृणाल शेखर ने कहा कि मामले में जांच के लिए पीएमओ को भी रिपोर्ट भेजी गयी है. राज्यपाल से समय मांगा गया है. समय मिलते ही उनसे मिलकर नियुक्ति मामले में हुए धांधली की निष्पक्ष जांच करने के लिए कहेंगे. उन्होंने कहा कि यह अभ्यथियों के भविष्य का सवाल है. उन्होंने इस नियुक्ति पर प्रश्न उठाया कि एक ही दिन 25 सौ अभ्यर्थी का प्रजेंटेंशन और साक्षात्कार कैसे हो गया, जबकि प्रेजेंटेशन के लिए पांच मिनट और साक्षात्कार के लिए पांच मिनट का समय दिया जाता है.

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