आधुनिक जीवनशैली से बढ़ा मधुमेह रोग

भागलपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भागलपुर शाखा की नयी टीम की ओर से पहला साइंटिफिक सेशन आइएमए कार्यालय में रविवार को आयोजित किया गया. साइंटिफिक सेशन का विषय डायबिटिज और डायबिटिज से कैसे करें मुकाबला रखा गया था. सेशन का उद्घाटन आइएमए अध्यक्ष डॉ हेमशंकर शर्मा, डॉ डीपी सिंह, डॉ संजय निराला ने संयुक्त रूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2016 6:28 AM

भागलपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भागलपुर शाखा की नयी टीम की ओर से पहला साइंटिफिक सेशन आइएमए कार्यालय में रविवार को आयोजित किया गया. साइंटिफिक सेशन का विषय डायबिटिज और डायबिटिज से कैसे करें मुकाबला रखा गया था. सेशन का उद्घाटन आइएमए अध्यक्ष डॉ हेमशंकर शर्मा, डॉ डीपी सिंह, डॉ संजय निराला ने संयुक्त रूप से किया.

आइएमए अध्यक्ष ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस साल की थीम डायबिटिज रखा गया है. आज भारत में करीब चार करोड़ लोग डायबिटिज के शिकार हैं और 2025 तक भारत डायबिटिज बीमारी की राजधानी बन जायेगा. डायबिटिज बीमारी की विकराल स्थिति से निबटने के लिए चौतरफा प्रयास करना होगा. मेडिसिन पर डॉ भारत भूषण ने बताया कि डायबिटिज बीमारी में दवाई की अहम भूमिका होती है. भोजन के तरीके में भी सुधार लाना पड़ेगा.

हड्डी रोग पर डॉ इम्तयाजुल रहमान ने बताया कि डायबिटिज बीमारी में खासकर पैर की विशेष ध्यान रखनी चाहिए. पैरों की देखभाल चेहरे की तरह करनी चाहिए. गायनी पर डॉ अर्चना झा ने बताया कि गर्भ के दौरान महिलाआें में इन्सूलिन की आवश्यकता होती है. मां व बच्चे के स्वास्थ्य पर विशेष सर्तकता रखनी चाहिए. वैसे डायबिटिज से पीड़ित गर्भवती के ऑपरेशन में कोई खतरा नहीं है. सर्जरी पर डॉ सीएम उपाध्याय ने बताया कि पेट की सर्जरी और पेन्क्रियाज का ट्रांस प्लांट कर डायबिटिज पर कंट्रोल किया जा सकता है.

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