टेलीफोनकर्मी आज भी करेंगे काम का बहिष्कार
बीएसएनएल : टेलीफोन कनेक्शन में फॉल्ट आने पर दुरुस्त होने की उम्मीद कम भागलपुर : एनएफटीइ के ज्वाइंट सेक्रेटरी पर एससी/एसटी थाने में दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की मांग पर सोमवार को भी कर्मचारियों का बड़ा समूह काम का बहिष्कार करेगा. इसमें एक्सचेंज के कर्मियों का भी साथ रहेगा. इससे कामकाज प्रभावित रहेगा. प्रबंधन […]
बीएसएनएल : टेलीफोन कनेक्शन में फॉल्ट आने पर दुरुस्त होने की उम्मीद कम
भागलपुर : एनएफटीइ के ज्वाइंट सेक्रेटरी पर एससी/एसटी थाने में दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की मांग पर सोमवार को भी कर्मचारियों का बड़ा समूह काम का बहिष्कार करेगा. इसमें एक्सचेंज के कर्मियों का भी साथ रहेगा. इससे कामकाज प्रभावित रहेगा. प्रबंधन स्तर पर कोशिश रहेगी कि काम का बहिष्कार न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन की मदद ली जायेगी.
पुलिस की सुरक्षा में दफ्तर खुलेगा. एनएफटीइ के जिला सचिव वीएन द्विवेदी ने बताया कि तय कार्यक्रम के तहत काम का बहिष्कार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जीएम रमेश प्रसाद को चाहिए कि मिल बैठक कर मामला को निबटा लिया जाये. एसडीओ (टेलीफोन) अखिलेश्वर पासवान ने ज्वाइंट सेक्रेटरी काली प्रसाद यादव पर एससी/एसटी थाने में गाली-गलौज, जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने सहित मारपीट का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज करायी,
जिस पर कर्मचारी आक्रोशित होकर शनिवार को काम का बहिष्कार कर दिया था. कर्मचारी प्राथमिकी वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. कर्मचारियों के पक्ष में एनएफटीइ यूनियन है.
बीएसएनएल इंप्लाइज और एफएनटीओ नहीं देंगे समर्थन
बीएसएनएल इंप्लाइज और एफएनटीओ दोनों यूनियन कर्मचारियों के आंदोलन में सहयोग नहीं देंगे. एफएनटीओ यूनियन के जिला सचिव रामानुग्रह प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रदर्शन से पहले लिखित नहीं दिया गया है. काॅमन स्तर पर प्रदर्शन नहीं है. जिस पर प्राथमिकी दर्ज हुई है, वह रिटायर पर्सन है और एनएफटीइ के ज्वाइंट सेक्रेटरी है.
उन्हें किसने अधिकार दिया कि मारपीट करे. मारपीट और गाली गलौज करना जायज नहीं है. बीएसएनएल इंप्लाइज एसोसिएशन के जिला सचिव प्रशांत कुमार प्रशांत ने बताया कि प्रदर्शन की जानकारी उन्हें नहीं थी. वह पटना से जब लौटे तो मालूम चला. कर्मचारी द्वारा अधिकारी पर हुई घटना निंदनीय है. प्रदर्शन में उनका कोई सहयोग नहीं है.
चुनाव और बोनस को लेकर हो रही राजनीतिक . बीएसएनएल में मई में चुनाव है और बोनस का समय है, जिसको लेकर राजनीतिक गरमा गयी है. इस राजनीति में सभी अपनी-अपनी रोटी सेंकने में लगे हैं. कोई कर्मचारियों को आगे करके रोटी सेंक रहे हैं, तो कोई परदे के पीछे राजनीतिक करने में लगे हैं. कुछ लोग अधिकारियों के पक्ष में है और पीछे से कर्मचारियों को हवा देने में लगे हैं.