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हम सब बिना रुके-बिना थके आगे बढ़ें

आपका अपना प्रभात खबर आज भागलपुर में भी पांच साल का हो गया. पांच साल की उम्र ज्यादा तो नहीं होती, लेकिन आप लोगों ने प्रभात खबर को जो स्नेह दिया है, वह अतुलनीय है. तभी तो कड़ी प्रतिस्पर्धा और बाजारवाद के इस दौर में भी प्रभात खबर भागलपुर ही नहीं पूरे बिहार में नित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2016 7:51 PM

आपका अपना प्रभात खबर आज भागलपुर में भी पांच साल का हो गया. पांच साल की उम्र ज्यादा तो नहीं होती, लेकिन आप लोगों ने प्रभात खबर को जो स्नेह दिया है, वह अतुलनीय है. तभी तो कड़ी प्रतिस्पर्धा और बाजारवाद के इस दौर में भी प्रभात खबर भागलपुर ही नहीं पूरे बिहार में नित नये-नये प्रतिमान गढ़ रहा है.

कोसी-पूर्व बिहार के 13 जिले (जहां भागलपुर से प्रभात खबर छप कर जाता है) कई मामलों में आजादी के बाद से ही काफी पीछे रहा है. यहां के लोगों ने न सिर्फ सुविधाओं की कमी, बल्कि जिम्मेदार तंत्र की उपेक्षा का दंश वर्षों भोगा है. बावजूद इसके, इस पूरे इलाके की एक बड़ी विशेषता आत्मसम्मान है. सरकारी मदद के लिए राह तकने की जगह राह बनानेवालों के इस इलाके में प्रभात खबर को भरपूर स्नेह मिलना गौरव की बात है लेकिन साथ ही इससे हमारी जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बढ़ गयी है. हमें इसका अहसास भी है.

आज स्थापना दिवस के दिन कोसी-पूर्व बिहार के सभी 13 जिलों (किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, बांका और भागलपुर) में हमारे साथी हर जिला मुख्यालय पर अपने सुधी पाठकों के बीच बदलते गांवों और बढ़ते शहरीकरण के बीच कैसी हो पत्रकारिता, इस पर मंथन करते मिल जायेंगे. पाठकों की राय और सुझावों का प्रभात खबर हमेशा से स्वागत करता रहा है. इन्हीं सुझावों, राय और स्नेह से ही प्रभात खबर ने अपनी राह बनायी है. एक बार फिर बहुत जल्द यानी इसी महीने प्रभात खबर नये तेवर-नये कलेवर के साथ दिखाई देगा.
अंत में आप सब सुधी पाठक बंधुओं, विज्ञापन दाताओं और खास कर एक-एक हॉकर साथी का धन्यवाद-आभार. जाड़ा हो या गरमी, चाहे हो बरसात, बिना रुके-बिना थके अहले सुबह शहर से सुदूर गांव तक एक-एक घर तक अखबार पहुंचाना और पाठकों के प्रभात को सच में शुभ प्रभात करना हॉकर बंधुओं के बल पर ही संभव है. विज्ञापनदाताओं के सहयोग से ही कागज, रोशनाई व अन्य चीजों की दिन दूनी – रात चौगुनी बढ़ती कीमतों के बीच कम से कम कीमत पर (सभी खर्च को मिला लें तो कीमत अधिक है) आप तक अखबार पहुंचाना संभव होता है.
आभार आप सुधी पाठकों और प्रबुद्धजनों का. आपने हमें न सिर्फ आगे की राह दिखायी, बल्कि अपने दिल में बसाया है, हम अभिभूत हैं. हमारे पास शब्द नहीं हैं. इतना जरूर है कि आपने प्रभात खबर में जो भरोसा जताया है, हम उस भरोसे को और मजबूत करने के लिए अग्रसर रहेंगे. यह हमारा वादा है, हमारा प्रण है.

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