मुख्यमंत्री कार्यक्रम को लेकर बुनकरों में जगी है आस

भागलपुर : सीएम की यात्रा से समस्याओं के बोझ तले दबे यहां के बुनकर इस बात की आस लगाये हुए हैं कि पूर्व में जो घोषणा कर सरकार भूल गयी, वह इस यात्रा में धरती पर उतर जायेगी. बुनकरों को विश्वास है कि मुख्यमंत्री के आगमन से उनके दिन बहुरेंगे. बुनकरों की अपेक्षा. वार्ड 43 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 5:41 AM

भागलपुर : सीएम की यात्रा से समस्याओं के बोझ तले दबे यहां के बुनकर इस बात की आस लगाये हुए हैं कि पूर्व में जो घोषणा कर सरकार भूल गयी, वह इस यात्रा में धरती पर उतर जायेगी. बुनकरों को विश्वास है कि मुख्यमंत्री के आगमन से उनके दिन बहुरेंगे.

बुनकरों की अपेक्षा. वार्ड 43 व 44 अंतर्गत हुसैनाबाद हैंडलूम बुनकर क्षेत्र है, जहां 1000 से अधिक हैंडलूम बुनकर परिवार रहते हैं. पर्याप्त पूंजी, स्थान व उपकरण के अभाव में बुनकर रोजी-रोटी के लिए रिक्शा व ठेला चलाने को मजबूर हैं.
बुनकरों की सबसे बड़ी समस्या निरंतर रोजगार एवं तैयार कपड़े के सही रेट नहीं मिलना है. धागा के लिए यार्न बैंक की सुविधा बड़े पैमाने पर मिले. मुख्यमंत्री ने स्वयं 2010 विधानसभा चुनाव के पहले हुए बुनकर पंचायत में बिजली बिल माफी की घोषणा की थी. बुनकरों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने 2010 तक की ऋण माफी की घोषणा की थी. इसके लिए पिछले वर्ष 14 फरवरी को जिले के 10 स्थानों पर शिविर लगा कर आवेदन भी लिया गया, लेकिन अब तक ऋण माफी नहीं की गयी.
हाल के दिनों में तत्कालीन उद्योग मंत्री भीम सिंह ने 17 फरवरी 2015 को दरियापुर में एक कार्यक्रम के दौरान 2014 तक के ऋण माफी की घोषणा की है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं दिख रही है. इसके बावजूद बुनकरों पर नीलामवाद मुकदमा के लिए बैंकों ने नोटिस भेजा है. उनका कहना है कि बुनकर पंचायत के बाद 28 जनवरी 2014 को सीएम नीतीश कुमार ने ऋण माफी एवं सस्ती दर पर बिजली देने की घोषणा एक बार फिर की. ऋण के लिए बैंक मैनेजर दौड़ा-दौड़ा कर परेशान करता है. बुनकर क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने के लिए विशेष विद्यालय खोला जाये.

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