जेएलएनएमसीएच में दर्द की दवा नहीं

भागलपुर: जेएलएनएमसीएच में दर्द की गोली नहीं है. यह स्थिति तब है जब बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति के अलावा अब मेडिकल कॉरपोरेशन भी खुल गया है. यहां के मेडिकल कॉलेज अस्पताल व जिला अस्पतालों को कॉरपोरेशन के भरोसे ही दवा व उपकरणों के लिए रहना है. नतीजतन न तो कॉरपोरेशन के पास पर्याप्त दवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2013 6:43 AM

भागलपुर: जेएलएनएमसीएच में दर्द की गोली नहीं है. यह स्थिति तब है जब बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति के अलावा अब मेडिकल कॉरपोरेशन भी खुल गया है. यहां के मेडिकल कॉलेज अस्पताल व जिला अस्पतालों को कॉरपोरेशन के भरोसे ही दवा व उपकरणों के लिए रहना है. नतीजतन न तो कॉरपोरेशन के पास पर्याप्त दवा उपलब्ध है न ही वहां से अस्पतालों को दवा मिल रही है.

केस स्टडी एक

हड्डी विभाग के बेड नंबर सात पर भरती सबौर मिरजापुर के मरीज निरंजन दास के जांघ का ऑपरेशन होना है. वह पिछले माह से ही अस्पताल में भरती है. परिजनों ने बताया कि जब भी पैर में दर्द होता है तो यहां से इंजेक्शन मिल जाता है पर दवा नहीं है. हमलोग बाहर से ही दर्द की गोली खरीद कर लाते हैं चूंकि रोज-रोज इंजेक्शन तो नहीं लगवा सकते हैं.

केस स्टडी दो

मुंगेर के गुलशन कुमार के कलाई की हड्डी टूटी है. वह भी पिछले 20 दिनों से अस्पताल में भरती है. उसे जब भी दर्द की गोली की आवश्यकता पड़ती है बाहर की दवा दुकानों से ही खरीदनी पड़ रही है. बटेश्वर के नंदगोला गांव के नागेश्वर मंडल भी नौ दिसंबर से अस्पताल में भरती हैं. उनके कमर की हड्डी टूटी हुई है. उनका ऑपरेशन होना है. चिकित्सकों ने कहा है कि नंबर के अनुसार ऑपरेशन हो जायेगा पर जब भी दर्द होता है, गोली बाहर से ही लेनी पड़ती है.

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