परंपराओं को परिमार्जित करने की आवश्यकता

कला केंद्र में होली मिलन समारोह भागलपुर : परंपराओ में अच्छी चीजें भी है और बुरी चीजें भी. हमें परंपराओं को झाड़-पोछकर परिमार्जित करने की आवश्यकता है. परंपराओं की कसौटी समता और न्याय होनी चाहिए. उक्त बातें वक्ताओं ने रविवार को पीस सेंटर परिधि की आेर से कला केंद्र में आयोजित होली मिलन समारोह के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 6:26 AM

कला केंद्र में होली मिलन समारोह

भागलपुर : परंपराओ में अच्छी चीजें भी है और बुरी चीजें भी. हमें परंपराओं को झाड़-पोछकर परिमार्जित करने की आवश्यकता है.
परंपराओं की कसौटी समता और न्याय होनी चाहिए. उक्त बातें वक्ताओं ने रविवार को पीस सेंटर परिधि की आेर से कला केंद्र में आयोजित होली मिलन समारोह के दौरान कही. कार्यक्रम का संचालन चित्रकार राहुल ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक उदय ने कहा कि आज जिन्दगी से रंग और उल्लास काफूर हो रहे हैं.
संस्कृति, सौहार्द और जीवन मूल्य पर बाजार और विलगाववादी तत्वों का कब्जा हो रहा है. इसी दौरान पारंपरिक होली गीत गाये गये. डॉ उपेंद्र साह, प्रसून लतांत, कुमार कृष्णन, हबीब मुर्शीद खां, इकराम हुसैन शाद, डॉ योगेंद्र, सुनील जैन, अहमद नकबी जॉन, आलिया खान, रामशरण, रिचा चौधरी, तहरून निशा ने होली का मुबारकवाद दिया. इस मौके पर रीना गुप्ता, पूजा, मनीषी शर्मा, सुषमा, विक्रम, ललन, संजय, लक्खी मंडल, सुगिया देवी, रंगकर्मी संगीता, रामजीवन मंडल, रेणु सिंह, शोभा श्रीवास्तव, शारदा श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.

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