कवि सम्मेलन में बोले बिहार के एमएलए गोपाल मंडल करुंगा ‘हत्या की राजनीति”, जदयू से निलंबित

नवगछिया : बिहार के भागलपुर के गोपालपुर सीट से जेडीयू विधायक नीरज कुमार मंडल उर्फ गोपाल मंडल एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर चर्चा में हैं. गोपाल मंडल ने इस बार बयान देकर अपने राजनीतिक विरोधियों को धमकाया है. उनके इस बयान पर कार्रवाई करते हुए जदयूने उन्हें पार्टीसे निलंबित दिया है. नवगछिया के बाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2016 5:37 AM

नवगछिया : बिहार के भागलपुर के गोपालपुर सीट से जेडीयू विधायक नीरज कुमार मंडल उर्फ गोपाल मंडल एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर चर्चा में हैं. गोपाल मंडल ने इस बार बयान देकर अपने राजनीतिक विरोधियों को धमकाया है. उनके इस बयान पर कार्रवाई करते हुए जदयूने उन्हें पार्टीसे निलंबित दिया है. नवगछिया के बाल भारती विद्यालय में आयोजित कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि विधायक गोपाल मंडल खुले मंच से एक बार फिर अपने अंदाज में विरोधियों पर बरसे. उन्होंने अपने संबोधन में भवानीपुर के फत्तो पंडित प्रकरण, कमलेश्वरी को धमकाने के प्रकरण और वकील प्रमोद राय हत्याकांड का जिक्र किया और सफाई दी.

इस क्रम में उन्होंने यहां तक कह डाला कि अब वे हत्या की राजनीति करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू नहीं हो पायेगी. बिना शराब के होली में मन कैसे डोलेगा. मौके पर मौजूद भागलपुर सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल पर भी उन्होंने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि मैं किसी कार्यक्रम में जाता हूं, तो सांसद जी का इंतजार करता हूं. मगर वह पहले पहुंच जाते हैं तो मेरा इंतजार किये बिना उद्घाटन कर देते हैं. वह बड़े हैं. सात विधानसभा देखते हैं. मैं तो छोटा हूं, एक ही विधानसभा देखता हूं. विधायक गोपाल मंडल के इस तरह के बयान आने से विरोधी दल एक बार फिर से सक्रिय हो गये हैं.

हालांकि बाद में मंगलवार को मीडिया से बातचीत उन्होंने इस मामले पर सफाई दी और कहा, मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, यह मेरा स्टाइल है. मैं भाषण देने के दौरान थोड़ा उत्तेजित हो जाता हूं.

उल्लेखनीय है कि बीते 28 फरवरी कोभी विधायकगोपाल मंडल ने कहा था कि मेरा एक पैर जेल में रहता है, दूसरा बाहर. जब जेल गया तब ही नेता बना. मेरे कार्यकर्ता के साथ जो जात-पात करेगा, उसकी जीभ काटने में उन्हें एक मिनट भी नहीं लगेगा. उन्होंने कहा था कि एक समय था जब एक नेता का फतवा जारी होता था तो उस समय भी गोपाल मंडल बर्दाश्त नहीं करता था. अब तो मैं औकात वाला हो गया हूं.

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