परेशानी. गरमी की दस्तक के साथ ही शुरू हो गयी है पानी की किल्लत
जलमीनार सफेद हाथी, पानी को तरसे लोग गरमी की दस्तक के साथ ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. जगह-जगह चापकल जवाब दे रहे हैं. जो चल रहे हैं उनसे गंदा पानी निकल रहा है. गरीब-गुरबे अभी से ही पेयजल के […]
जलमीनार सफेद हाथी, पानी को तरसे लोग
गरमी की दस्तक के साथ ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. जगह-जगह चापकल जवाब दे रहे हैं. जो चल रहे हैं उनसे गंदा पानी निकल रहा है. गरीब-गुरबे अभी से ही पेयजल के लिए भटक रहे हैं. वहीं संपन्न लोग बोतल बंद पानी पीने को विवश हैं. कई जगह ग्रामीण जलापूर्ति योजना से बनी जलमीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है. पाइप नहीं बिछाये जाने या अन्य कारणों से इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है.
गोपालपुर : गोपालपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में जल संकट ने दस्तक दे दी है. प्रखंड के विभिन्न गांवों में अब तक दो दर्जन से अधिक चापाकलों ने जवाब दे दिया है. गरीब-गुरबे दूषित पानी पीने को विवश हैं, तो सक्षम लोग बोतल बंद पानी खरीद कर पी रहे हैं. पशुपालकों को ताल-तलैया सूख जाने की चिंता सता रही है. यह स्थिति आने से पहले पशुपालक गंगा-कोसी तटों की ओर पलायन करने लगे हैं.
जलमीनार बन कर तैयार, नहीं बिछी पाइप : वर्ष 2010 से 2012 में निर्मल ग्राम योजना के तहत पीएचइडी ढाई करोड़ की राशि से जलमीनार का निर्माण व 13 सौ मीटर के दायरे में पाइप बिछाने का काम होना था. जलमीनार बन कर तैयार हो चुकी है, लेकिन अब तक पाइप बिछाने का काम शुरू नहीं हो पाया है. जबकि, जलमीनार के नाम पर बिजली बिल और बहाल कर्मियों को वेतन मिल रहा है.
कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष शंकर सिंह अशोक, युवा राजद के प्रखंड अध्यक्ष प्रवीण सिंह के अलावा ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं की गयी, तो इस बार आने वाले कुछ दिनों में लोगों को जल संकट का सामना करना होगा. ऐसी स्थिति में वे लोग सड़क पर उतरने को विवश होंगे.
कहते हैं पदाधिकारी : पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता विष्णु उरांव ने कहा कि मार्च के अंत तक जलापूर्ति शुरू हो जायेगी. इसके लिए विभागीय स्तर से प्रयास हो रहा है.