भागलपुर : वैकल्पिक बाइपास पर भारी वाहनों के बिना चले सड़क टूटने लगी है. यह साल भर पहले बनी है. गोपालपुर के पास रेलवे ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त रहने से भारी वाहनों का परिचालन न हो, इसके लिए ब्रिज के दोनों ओर बैरियर लगा है. सड़क बनने और बैरियर लगने के बाद से भारी वाहनों का परिचालन नहीं के बराबर हो रहा है. इसके बावजूद सड़क टूटने लगी है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क के निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया.
इस वजह से करोड़ों की लागत से बनी सड़क टूटने लगी है. वैकल्पिक बाइपास का निर्माण लगभग 8.25 किमी में हुई है. वंशीटीकर, सरमसपुर आदि कई जगहों पर सड़क में छोटे-छोटे गड्ढे बनने लगे हैं. मालूम हो कि सड़क निर्माण पर लगभग सात करोड़ की लागत आयी है.
दोबारा ओपीआरएमसी से बनी सड़क : साल भर पहले बनी वैकल्पिक बाइपास दोबारा बनायी गयी है. दोबारा में ओपीआरएमसी से हवाई अड्डा से होली फैमिली स्कूल मोड़ तक लगभग 1.3 किमी तक सड़क बनी है. दरअसल, 22.37 करोड़ की लागत से आठ सड़कों के पैकेज में उक्त सड़क को शामिल किया गया और इसका निर्माण की जिम्मेदारी एकचारी के राजकुमार नाम के कांट्रैक्टर को सौंपी गयी थी.
पांच किमी में नहीं बनी सड़क : लगभग 13 किमी लंबी वैकल्पिक बाइपास के पांच किमी में सड़क नहीं बनी. पथ निर्माण विभाग ने शीतला स्थान चौक से पंखा टोली तक सड़क का निर्माण कार्य को वैकल्पिक बाइपास निर्माण की योजना में शामिल नहीं किया था. इस हिस्से की सड़क वर्ष 2009 में बनी थी.
लगभग सात साल में सड़क सड़क टूट चुकी है और अब आवागमन के लायक नहीं रह गया है. इस बार भी विभाग ने कार्य योजना में इस हिस्से को शामिल करने के बजाय इसे नजरअंदाज कर दिया था.
आरओबी पर सहमति नहीं: वैकल्पिक बाइपास पर गोपालपुर के पास दोनों रेलवे ओवर ब्रिज जर्जर है. इसमें से एक को तोड़कर बनाने पर सहमति बन गयी है. रेलवे द्वारा नया पुल बन रहा है. नया पुल बन कर तैयार हो जायेगा, तो इसे तोड़ा जायेगा. मगर, दूसरे पुल को लेकर अबतक यह तय नहीं हो सकी है कि इसका निर्माण रेलवे करायेगा या फिर पथ निर्माण विभाग.