चिकित्सकों की पहल . अस्पतालों का हो सकेगा कायाकल्प अस्पतालों को गोद लिया

जिले के सभी अस्पतालों की सेहत को सुधार कर मरीजों को साफ-सुथरे माहौल में बेहतर इलाज किया जा सके, इसके लिए जिले के जिम्मेदार चिकित्सा पदाधिकारियों ने अस्पतालों काे गोद ले लिया है. भागलपुर : जिले के अस्पतालों का जल्द ही कायाकल्प हो सकता है. िचकित्सकों ने अस्पतालों को गोद लेने की पहल की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 5:13 AM

जिले के सभी अस्पतालों की सेहत को सुधार कर मरीजों को साफ-सुथरे माहौल में बेहतर इलाज किया जा सके, इसके लिए जिले के जिम्मेदार चिकित्सा पदाधिकारियों ने अस्पतालों काे गोद ले लिया है.

भागलपुर : जिले के अस्पतालों का जल्द ही कायाकल्प हो सकता है. िचकित्सकों ने अस्पतालों को गोद लेने की पहल की है. अभी चार चिकित्साधिकारियों ने पांच अस्पतालों को गोद लिया है. इनके जिम्मे गोद लिये अस्पतालों को उत्कृष्ट बनाना होगा. गोद लेने के बाद समय-समय पर गोद लिये गये अस्पताल की जांच कर उसकी समीक्षा की जायेगी.
चार अधिकारियों ने लिया पांच अस्पतालों को गाेद. गोद लेने के क्रम में भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार व एएसीएमओ डॉ अंजनी कुमार ने संयुक्त रूप से सदर अस्पताल, नशा मुक्ति केंद्र व रेफरल अस्पताल सुलतानगंज को गोद लिया है. एसीएमओ डॉ राम चंदर प्रसाद ने रेफरल अस्पताल नाथनगर और सदर अस्पताल के एमओआइसी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने पीएचसी सबौर को गोद लिया है.
निजी अस्पतालों की तर्ज पर संवारे जाएंगे अस्पताल. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में संसाधन की कमी नहीं है. हम सभी का प्रयास होगा कि निजी अस्पतालों की तरह यहां की सुविधाओं व व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए ढीले पेंचों को कसा जायेगा, ताकि राजकीय अस्पतालों काे प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर बनाया जा सके. इसके लिए गोद लिये गये अस्पतालों की सेहत सुधर रही हैं कि नहीं, इसकी समय-समय पर समीक्षा की जायेगी.
अन्य पीएचसी व अनुमंडल अस्पताल लिये जाएंगे गोद. गोद लिये गये पांच अस्पतालोें के बाद जिले के अन्य अनुमंडल अस्पताल, एडिशनल पीएचसी और पीएचसी को भी गोद लिया जायेगा. इन अस्पतालों को संवारने की जिम्मेदारी उन्हीं को दी जायेगी जो कि इच्छुक होंगे. ताकि ये गोद लिये अस्पतालों का कायाकल्प कर सकें.

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