बड़ी संख्या में हर रोज जेएलएनएमसीएच समेत नर्सिंग होम में आ रहे चिकनपॉक्स से संक्रमित बच्चे
मासूमों को अपना शिकार बना रहा चिकन पॉक्स भागलपुर : शहर में चिकनपॉक्स (छोटी माता) का प्रकोप है. बड़ी संख्या में बच्चे इसकी जद में आ रहे हैं. हर रोज 10 से 12 मरीज जेएलएनएमसीएच से लेकर शहर के अन्य नर्सिंग होम में भरती हो रहे हैं. चिकनपॉक्स से संक्रमित बच्चों की जो संख्या हाॅस्पिटल […]
मासूमों को अपना शिकार बना रहा चिकन पॉक्स
भागलपुर : शहर में चिकनपॉक्स (छोटी माता) का प्रकोप है. बड़ी संख्या में बच्चे इसकी जद में आ रहे हैं. हर रोज 10 से 12 मरीज जेएलएनएमसीएच से लेकर शहर के अन्य नर्सिंग होम में भरती हो रहे हैं. चिकनपॉक्स से संक्रमित बच्चों की जो संख्या हाॅस्पिटल में दिख रही है, उससे कई गुना तो घर में ही इलाज करा रहे हैं. चिकनपॉक्स का प्रकाेप शहर के हर क्षेत्र में है.
जेएलएनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो (डॉ) आरके सिन्हा कहते हैं कि उनके ओपीडी में रोजाना औसतन एक-दो मरीज आ रहे हैं. इन बच्चों को विभाग के आइसोलेशन वार्ड में भरती कर इलाज किया जा रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार सिंह बताते हैं कि उनके अस्पताल में रोजाना दो से तीन बच्चे चिकन पॉक्स का शिकार होकर आ रहे हैं. यह मरीज किसी एक एरिया से नहीं बल्कि हर क्षेत्र से आ रहे हैं.
चिकनपॉक्स का कारण
यह वेरीसेला वायरस के फैलने से होता है. इसकी जद में हर साल मासूम बच्चों से लेकर मांये होती हैं, लेकिन इस बार इसका प्रकोप कुछ ज्यादा ही है. बीते साल की तुलना में इस साल चिकनपॉक्स से संक्रमित बच्चों की संख्या तीन गुनी है.
पहचान
चिकनपॉक्स से प्रभावित बच्चों के पूरे शरीर में सफेद दाना होता है. यह दाना एक ही वक्त में सूखते और पनपते दिखते हैं. अगर बच्चे को बुखार, सिर दर्द, सर्दी-जुकाम हैं और दानेदार स्थानों पर खुजली हो रही है, तो उसे चिकनपॉक्स हो सकता है. चिकनपॉक्स का संक्रमण ज्यादा हाेने की दशा में बच्चे की आंख, फेफड़ा, मस्तिष्क, पैंक्रियाज और किडनी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. अगर यह सब लक्षण दिखे, तो इसे नजरंदाज न करें और तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें.
चिकनपॉक्स से बचाव
चिकनपॉक्स होनेवाले बच्चे को घर के अन्य लोगों से दूर आइसोलेटेड (स्वच्छ, हवा, प्रकाशयुक्त एवं संक्रमणमुक्त एरिया) में रखें.
अन्य बच्चों काे चिकनपॉक्स का टीका लगवायें.
गर्भवती मां को चिकनपॉक्स होने पर उसे टीका न लगवायें. गर्भवती मां को चिकनपॉक्स हो जाता है तो उसके नवजात शिशु को वेरीसेला इम्नोग्लोबिन का इंग्जेक्शन जरूर लगवायें.
होमियोपैथी में है चिकनपॉक्स का इलाज : डॉ विनय गुप्ता
जाने-माने होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ विनय कुमार गुप्ता कहते हैं कि होेमियोपैथिक विधा में चिकनपॉक्स का सस्ता एवं बेहतरीन इलाज है. डॉ गुप्ता बताते हैं कि जिस घर में चिकनपॉक्स का प्रकोप है. ऐसी दशा में घर के हर सदस्य को सात दिन तक वैरियोलिनम 200 की चार गोली रोज सुबह खाली पेट लेना चाहिये ताकि वह लोग इसकी चपेट में न आ सकें. जिन्हें चिकनपॉक्स हो गया है, उसके लक्षण के आधार पर उसको दवा दी जाती है. इलाज की अवधि संक्रमण की तीव्रता पर निर्भर करता है.