सिर पर पड़ती है तेज धूप,गला सूखे तो पानी मिलना भी मुश्किल

भागलपुर : कचहरी चौक. शनिवार दोपहर लगभग एक बजे. चिलचिलाती धूप में खड़ा एक ट्रैफिक जवान. गाड़ियों के इधर-उधर होते ही वह वहां पहुंच जाता है. गाड़ियों की आवाजाही सही होते ही वह दौड़ कर मंदिर के सामने पेड़ के नीचे आकर राहत की सांस लेता है. तपती धूप में कंठ सूखा तो पानी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 7:39 AM

भागलपुर : कचहरी चौक. शनिवार दोपहर लगभग एक बजे. चिलचिलाती धूप में खड़ा एक ट्रैफिक जवान. गाड़ियों के इधर-उधर होते ही वह वहां पहुंच जाता है. गाड़ियों की आवाजाही सही होते ही वह दौड़ कर मंदिर के सामने पेड़ के नीचे आकर राहत की सांस लेता है. तपती धूप में कंठ सूखा तो पानी की तलाश.

पास में ही एक चापानल है जो उन प्यासे जवानों का एक मात्र सहारा है. ऐसी स्थिति सिर्फ कचहरी चौक की नहीं है. दूसरे चौक-चौराहों में और भी स्थिति बदतर है. हर जगह न तो बड़े पेड़ हैं और न ही चापानल. पर जो भी हो ट्रैफिक जवानों को काम तो करना है. अभी तपती धूप में और आने वाले महीनों में बारिश में भी. शहर में ट्रैफिक पुलिस के लिए कोई सुविधा नहीं.

11 घंटे की ड्यूटी लगातार. शहर के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जवानों के लिए कोई सुविधा भले ही न हो पर उनकी ड्यूटी के घंटे होते हैं 11. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सिर्फ 50 जवानों के जिम्मे है. शहर के 13 चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जवानाें की तैनाती की गयी है. ऐसे में उन्हें शिफ्ट वाइज ड्यूटी पर लगाना संभव नहीं. ऐसी स्थिति में प्रत्येक ट्रैफिक जवान को सुबह लगभग दस बजे से रात के नौ बजे तक यातायात व्यवस्था को संभालना होता है.
बूथ में खड़े रहे रहेंगे तो जाम लग जायेगा. शहर के कई चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जवानों के लिए ट्रैफिक बूथ बने हुए हैं. पर ट्रैफिक बूथ पर जवानों दिखते नहीं. बूथ तो विज्ञापन का जरिया बनता जा रहा है. कई बूथों पर विज्ञापन लगे हुए हैं. बूथ पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल नहीं करने को लेकर जब हमने तिलकामांझी चौक पर खड़े जवान से पूछा तो उसका कहना था कि बीच सड़क पर खड़े होकर काम करने के बाद भी जाम लगता रहता है अगर वे बूथ पर जाकर खड़े हो जायेंगे तो उनकी बात कोई नहीं सुनेगा. उन्हें बार-बार बूथ से नीचे आना पड़ेगा.
न हेलमेट न मास्क, धूल और धूप को झेलना पड़ता है. शहर में उड़ती धूल से सामना हो जाये तो अक्सर लोग अपने मुंह को ढंक लेते हैं. काफी संख्या में लोग मास्क लगाकर घूमते हैं. पर ट्रैफिक जवान घंटो तक धूल और धूप को झेलते हैं. सभी ट्रैफिक जवानों को न तो हेलमेट उपलब्ध कराया गया है और न ही उन्हें मास्क दिया गया है.
जरा इधर भी ध्यान दें एसएसपी साहब. नये एसएसपी ट्रैफिक समस्या को गंभीरता से देख रहे हैं. वे विक्रमशिला पर तैनात ट्रैफिक जवानों की समस्या को दूर करने के उपाय भी खोज रहे हैं. उन्होंने वहां तैनात जवानों के लिए शेड बनाने को लेकर विचार करने की बात कही है. शहर में तैनात ट्रैफिक जवानों के बीच भी यह चर्चा जोरों पर है कि उनकी समस्या की तरफ भी एसएसपी साहब का ध्यान आयेगा और उनके लिए भी वे कुछ करेंगे.

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