आज थी जूही की शादी फांसी लगा दे दी जान

भागलपुर : खिलने से पहले ही मुरझा गयी जूही. जूही जो मां की लाडो थी, पिता की बगिया की फूल थी. वह तो सतरंगी सपने देखती थी, जिसमें प्यार-मनुहार था, मखमली वर्तमान और सुखद भविष्य थे, लेकिन प्रकृति ने उसके साथ बार-बार छल किया. एक बार सपने सच होने को आये, तो सात जन्म तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 4:17 AM

भागलपुर : खिलने से पहले ही मुरझा गयी जूही. जूही जो मां की लाडो थी, पिता की बगिया की फूल थी. वह तो सतरंगी सपने देखती थी, जिसमें प्यार-मनुहार था, मखमली वर्तमान और सुखद भविष्य थे,

लेकिन प्रकृति ने उसके साथ बार-बार छल किया.

एक बार सपने सच होने को आये, तो सात जन्म तक साथ निभानेवाला ही साथ छोड़ कर इस दुनिया को अलविदा कह गया. उससे वह टूट गयी. उसे संभलने में दो साल लग गये. समय हरेक चीज पर मरहम लगाता है. जूही के घाव पर भी मरहम लगा और एक बार फिर से प्यार की भीनी खुशबू मन के आंगन में फैली. जूही की नयी दुनिया बसनेवाली थी, पांव में झमझम पाजेब फिर बजनेवाली थी. उसके हाथों में दोबारा मेहंदी लगी, आंगन में मंगल
आज थी जूही…
गीत गाये गये, लेकिन वह इतनी बेदर्द निकली कि अपने मां-पिता-बहन की स्नेह डोर को ही तोड़ कर अनंत में चली गयी. पता नहीं वह जिंदगी की किस बात से नाराज थी कि मौत को ही गले लगा लिया.
इशाकचक विषहरी स्थान के समीप रहनेवाली महिला जूही (27) ने रविवार की रात अपने पिता के घर में फांसी लगा कर जान दे दी. घटना के बारे में पिता दिलीप सिन्हा ने बताया कि जूही उर्फ छोटी की शादी सोमवार को मनसकामनानाथ मंदिर में औरंगाबाद के युवक त्रिभुवन से होनेवाली थी.
जूही उर्फ छोटी की मौत पर आस-पास के लोग हैरान थे. सब छाेटी के इस तरह के कदम उठाने लेकर अफसोस जता रहे थे. घर में छोटी की मां रेणु सिन्हा, बड़ी बहन माधवी का रो-रो कर बुरा हाल था.
जूही व उमाशंकर पटना गये थे एमबीए करने
जूही की जिंदगी की कहानी भी अजीब है. वह एमबीए कर रही थी कि प्यार में पड़ गयी. अपने प्यार उमाशंकर से शादी की, लेकिन उसका प्यार उससे सदा के लिए दूर चला गया. 29 अप्रैल 2014 को उमाशंकर ने घर में फांसी लगा कर जान दे दी थी. जूही और उमाशंकर दोनों एमबीए करने पटना गये थे.
उमाशंकर ने छोटी को कहा कि तुम घर संभालो, हम पढ़ाई करते हैं. पढ़ाई के बाद प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करने लगे. एक रात को उमाशंकर ऑफिस से लौट कर आया. वह अपने साथ अंडा लाया था. छोटी को बोला- अाॅमलेट बना दो. छोटी भागलपुर से कुछ ही घंटे पहले आयी थी. बोली- घर की सफाई करके थक गयी हूं, अाज अब आॅमलेट नहीं बना पाउंगा. उमाशंकर दिन में चिकेन लाया था. जूही और उसकी मां रेणु सिन्हा दोनों मां-बेटी कमरे में सो गयी. इसी बीच उमाशंकर ने पंखे से फांसी लगा कर जान दे दी. इसके लिये जूही के ससुरालवाले जूही को दोष देने लगे.
जूही ने कहा कि पापा ससुराल वालों के यहां ताना सुन-सुन कर नहीं रह सकूंगी. इसके बाद उसके पिता उसे भागलपुर लेकर आ गये और जूही के लिए यहीं पर एक कमरा बनवा दिया. रविवार की रात दस बजे जूही ने परिजनों से कहा कि बाथरूम जा रहे हैं. बाथरूम का बहाना बना कर अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दुपट्टे से फांसी का फंदा बना कर पंखे से लटक गयी.
उमाशंकर की मौत के बाद त्रिभुवन से हुआ प्यार
जूही पटना में रह कर जॉब के लिए तैयारी कर रही थी. इसी दौरान औरंगाबाद के त्रिभुवन से ट्यूशन पढ़ने के दौरान प्यार हो गया. दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की सहमति बनायी. पिता कहीं बिगड़ न जायें, इसलिए त्रिभुवन को उसकी सहमति लेने के लिए शर्त रखी थी. सहमति देने के बाद बाजार से शादी का सारा सामान खरीदा गया. सब तैयारी पूरी हो चुकी थी.
मिस्टी को नहीं पता, उसकी मां अब नहीं लौटेगी
जूही की चार साल की बेटी मिस्टी को नहीं पता है कि उसकी मां अब इस दुनिया को छोड़ कर चली गयी है. वह राेते हुए लोगों को देखती तो है, लेकिन कुछ बाेलती नहीं. उसे नहीं पता कि उसकी मां अब सदा के लिए चली गयी है. मिस्टी की नानी रेणु सिन्हा दहाड़ मार कर रो रही थी. वह रोते हुए बता रही थी कि जूही कहती रहती थी- हम्मै नैय रहबो मम्मी. यही कहते-कहते आखिर हमको छोड़ चली गयी. पिता भी चेतनाशून्य हो रहे थे. उनको यह पता नहीं चल पा रहा कि गलती कहां किससे हुई.
इशाकचक विषहरी स्थान मोहल्ले की घटना
मनसकामनानाथ मंदिर में सोमवार की शाम होनेवाली थी शादी
शादी के लिए दूल्हा त्रिभुवन 15 अप्रैल को ही जूही के घर आ गया था
साथ रचायी थी मेहंदी
शादी के लिए त्रिभुवन 15 अप्रैल को ही इशाकचक पहुंच गया था. रविवार की शाम त्रिभुवन और जूही ने साथ-साथ हाथों में मेहंदी रचायी थी. जूही ने दो दिन पहले ब्लू रंग का जींस और टी शर्ट खरीदा था.

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