हजरत निर्घिन साह व हजरत सत्तार साह का उर्स शुरू
सुलतानगंज : हजरत निर्घिन साह व हजरत सत्तार साह का सालाना दो दिवसीय उर्स बुधवार से शुरू हो गया. इसके लिए चादरपोशी की गयी और गागर घुमाया गया. नौ मजारशरीफ पर चादरपोशी की गयी. देर रात तक जलसा भी हुआ. इसमें दूर- दूर से आलीम व उलेमा पहुंचे हैं. गुरुवार को रीना परवीन व परवेज […]
सुलतानगंज : हजरत निर्घिन साह व हजरत सत्तार साह का सालाना दो दिवसीय उर्स बुधवार से शुरू हो गया. इसके लिए चादरपोशी की गयी और गागर घुमाया गया. नौ मजारशरीफ पर चादरपोशी की गयी. देर रात तक जलसा भी हुआ. इसमें दूर- दूर से आलीम व उलेमा पहुंचे हैं. गुरुवार को रीना परवीन व परवेज उर्फ गड्डू की कव्वाली होगी.
सच्चे दिल से मांगी मुरादें यहां होती पूरी : एनएच 80 के समीप सुलतानगंज-मुंगेर मुख्य पथ पर घोरघट पुल के ठीक पहले हजरत पीर अब्दुल सत्तार साह, रहमत उल्लाह अलैह का मजार है. इस पथ पर गुजरने वाले वाहन चालक बाबा को प्रणाम कर रुपये दो रुपये चढ़ाते श्रद्धा के साथ वाहन को धीमा कर सिर नवाते ही आगे बढ़ते है. मो मोलाजीम हुसैन कादरी तथा इनके पुत्र मो सलाउद्दीन बताते है कि 12 सौ वर्ष पूर्व अब्दुल सत्तार साह की समाधि लगी थी. पांच सौ बीघा जमीन इनकी थी. वर्तमान में सात बीघा केवल कब्रिस्तान बचा है. पीर बाबा से मांगी मुरादें जरूर पूरी होती हैं.