टूटी सड़क पर लग रहा पैबंद

लोगों की सहूलियत के लिए हो रहा काम या फिर है केवल दिखावा भागलपुर : शहर की टूटी सड़कों पर एक फिर पैबंद लगाया जा रहा है. आनन-फानन में हो रहा रोड पैचअप का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंगलवार को प्रस्तावित भागलपुर दौरे को लेकर हो रहा है. जेल रोड और कचहरी से भीखनपुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2016 6:11 AM

लोगों की सहूलियत के लिए हो रहा काम या फिर है केवल दिखावा

भागलपुर : शहर की टूटी सड़कों पर एक फिर पैबंद लगाया जा रहा है. आनन-फानन में हो रहा रोड पैचअप का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंगलवार को प्रस्तावित भागलपुर दौरे को लेकर हो रहा है. जेल रोड और कचहरी से भीखनपुर जाने वाली सड़क पर जगह-जगह चिप्पी साटी जा रही है. पिछली बार भी मुख्यमंत्री के आगमन के लिए सड़क की मरम्मत की गयी थी, जो एक माह भी नहीं टिक पायी. इस बार भी हो रहे काम का हश्र भी कुछ वैसा ही होने की आशंका शहरवासियों को है.
कचहरी-भीखनपुर मार्ग : गुपचुप तरीके से रात में हो रहा पैचअप. कचहरी चौक से भीखनपुर रोड ओपीआरएमसी पॉलिसी के तहत बननी है. पिछली बार जब सीएम आये थे, तो उस वक्त काम हुआ था. अब फिर जब सीएम आ रहे हैं, तो काम हो रहा है. इस बार काम गुपचुप तरीके से हो रहा है. ठेकेदार रात में ही मेटेरियल, मजदूर और उपकरण लेकर पहुंचते हैं और दो-चार घंटे में जितना हो सका, उतने गड्ढे में चिप्पी साट कर कम बंद कर देते हैं. न कोई देखनेवाला है न निगरानी करनेवाला. काम देख कर लगता है कि बस मुख्यमंत्री का दौरा किसी तरह निबट जाये, इतने से ही मतलब है.
जेल रोड : पैचअप वर्क केवल दिखावा. जेल रोड में पैचअप वर्क केवल दिखावा है, क्योंकि यह सड़क पूरी तरह से फटेहाल है और इस पर अभी भी किसी तरह का कोई काम नहीं हो सका है. खामियों को छुपाने के लिए यह सब कुछ हो रहा है, ताकि खुद मुख्यमंत्री को ऐसा लगे कि सड़क चकाचक है. जिस ठेकादार ने सड़क बनायी थी, उसी के द्वारा चिप्पी साटी जा रही है. चिप्पी साटने में भी कंजूसी हो रही है. कोलतार मिक्स मेटेरियल से गड्ढों को भरने के बजाय सूखा मेटेरियल डाल कर ऊपर से कोलतार डाल सड़क को चकाचक करने का प्रयास हो रहा है.
जिधर से गुजरेंगे सीएम, केवल उसी सड़क का पैचअप. पैचअप का काम केवल उसी सड़क पर हो रहा है, जिस होकर मुख्यमंत्री के काफिले को गुजरना है. यही वजह है कि जेल रोड और कचहरी चौक से भीखनपुर तक जाने वाली रोड नेशनल हाइवे और पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार काम करा रहे हैं. इससे पहले जब सीएम आये थे, तो जेल रोड के गड्ढों को मिट्टी से भरा गया था.
तो नगर निगम काे सीएम का खौफ नहीं. नेशनल हाइवे और पीडब्ल्यूडी दिखावे के लिए सही, कम से कम गड्ढों को चिप्पी साट रहे हैं. मगर, नगर निगम तो अपनी नाकामी छिपाने का भी प्रयास नहीं कर रही है. ऐसा लगता है, जैसे कि नगर निगम को सीएम का खौफ ही नहीं है. दरअसल, उन्हें इस बात की जानकारी है कि सीएम उनकी सड़कों से होकर नहीं गुजरेंगे. यही वजह है कि पूरी तरह से ऊखड़ चुकी नगर निगम की सड़कें जस की तस स्थिति में है.
प्राचीन विरासत का अनमोल खजाना बन गया भागलपुर
प्राचीन विरासतों का अनमोल खजाना बन गया है भागलपुर संग्रहालय. इसमें कई लोगों का योगदान रहा. मेरे द्वारा संकलित कुछ पुरातत्व एवं कलागत सामग्रियां भी भागलपुर संग्रहालय को सुपुर्द की गयी. उन पुरातात्विक सामग्रियों का बड़ा ही ऐतिहासिक महत्व है. कारण वह उस काल खंड का प्रत्यक्ष दर्शन कराता है. विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल 2016 के अवसर पर इसके लिए मुझे जो संग्रहालय भागलपुर के सौजन्य से सम्मान मिला, उसके प्रति मैं आभार प्रकट करता हूं.
संग्रहालय को प्रदत्त की गयी ऐतिहासिक महत्व की प्राचीन चीजें.
1. पुरातत्व. विषहरी मंदिर का भग्न द्वार खंड काला ग्रेनाइट अभिराम नाग अलंकरण से युक्त लगभग 4 फीट
अनुमानित काल. उत्तर गुप्तकाल
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. चंपा नदी पूर्वी तट (बड़ी ठाकुरबाड़ी के पास)
2. पुरातत्व. देवी शीष टेराकोटा एक इंच
अनुमानित काल. गुप्त काल
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल : कर्णगढ़ पूर्वी तराई
3. पुरातत्व. डीलक्स एनबीपी मृद-माण्ड के अवशेष
अनुमानित काल.
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कर्णगढ़ पश्चिमी तराई
4. पुरातत्व. स्वर्ण धूलि आवृत चमक द्वार राजसी मृदा पात्र के अवशेष
अनुमानित काल.
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कर्णगढ़ की खाही से प्राप्त
5. पुरातत्व. प्राक टेराकोटा मटर माला के दाने योनि ढोलक (लॉकेट) समेत
अनुमानित काल. प्राक काल
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल : कर्णगढ़ की दक्षिणी किनारे की तराई
6. पुरातत्व. बड़ा योनिदाेलक
अनुमानित काल. प्राक काल
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कर्णगढ़ के उत्तरी किनारे से
7. पुरातत्व. टेराकोटा कटोरी
अनुमानित काल. पालयुगीन
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल : टिल्हा कोठी की उत्तरी तराई
8. पुरातत्व. असुर हाड़ के अवशेष (टिरेन्ट्स बोन), ऐसे असुर हाड़ की चर्चा फ्रांसिस बचनन (बुकानन) ने अपने रपट में (1810-11 ई) में की है
अनुमानित काल. प्राक कालीन
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कुआं खोदने के क्रम में 30 फीट नीचे के जलस्तर पर कर्णगढ़ की पूर्वी तराई
9. पुरातत्व. टेराकोटा अलंकारिक सील , रंग स्लेटी (शंखाकार) लेख सहित (शंख लिपि की चर्चा इसी क्षेत्रगत बेग्लर ने अपने रपट में की है)
अनुमानित काल.
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कर्णगढ़ के दक्षिणी पश्चिमी किनारे के पोखर के ऊपरी भाग से
10. पुरातत्व. बुद्ध की प्रस्तर मूर्ति (भूमि स्पर्श मुद्रा, डेढ़ फीट आकार की)
अनुमानित काल. पाल युगीन
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. झिकटिया महेशखूंट, खगड़िया, गंग के उत्तर अंग उत्तराप की चर्चा बौद्ध ग्रंथ में है. झिकटिया ग्राम की चर्चा अगुत्तरा निकाय सत्तकनिपात में की गई है
11. पुरातत्व. अठारह प्राचीन ताल पत्रीय अभिलेख की प्रतिलिपि
अनुमानित काल . अंकित तिथि 1203 विक्रमी माद्र पदे
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. चंपापुरी
12. पुरातत्व. राधा-कृष्ण की अभिराम छवि ताल पत्र पर
अनुमानित काल. अंकित तिथि 1203 विक्रमी माद्र पदे
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. चंपापुरी
13. पुरातत्व. मंजूषा चित्रकला कला
अनुमानित काल. लोकशैली की चित्रकला. बिहुला-विषहरी पूजा के अवसर पर बनने वाली मंजूषा पर के कथा चित्रों से इस लोक कला का विकास हुआ है. इस कला का प्रस्थान बिंदु चंपापुरी भागलपुर तथा आसपास के क्षेत्र रहे हैं. इस लोक कला की अंतिम परंपरागत चित्रकार स्व चक्रवर्ती रही थी. आज उस स्थापित शैली मंजूषा पेंटिंग की ही प्रति छाया में इस शैली की पेंटिंग के विकास एवं संरक्षण के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर कार्यशाला एवं प्रशिक्षण सह प्रदर्शनियां संपन्न की जा रही है.
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. चंपापुरी
विशेष. इस चित्रकला पर कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है.
14. पुरातत्व. नाग अलंकरण घट एवं दीपदान
अनुमानित काल. टेराकोटा (चित्र प्रति)
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. चंपानगर
15. पुरातत्व. अलंकारिक दीप
अनुमानित काल. टेराकोटा
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल.चंपानगर
16. पुरातत्व. टड़िया, तेल नापने की प्राचीन विधि और उसका पात्र
अनुमानित काल. पकी मिट्टी
स्त्रोत तथा प्राप्ति स्थल. कर्णगढ़ की पूर्वी तराई, नसरतखानी.,

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