हत्या की गयी बेटे की अंतिम सांस तक लड़ेंगे

डॉ अजय सिंह के नर्सिंग होम में बेटे की हुई मौत पर बोले संजय चौहान बुधवार से प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने अनशन पर बैठेंगे जब तक नहीं मिलेगा न्याय, अनशन पर बैठे रहने का लिया प्रण भागलपुर : आठ माह के बेटे की मौत से चौहान कोचिंग के डायरेक्टर संजय चौहान के आंसू नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2016 6:47 AM

डॉ अजय सिंह के नर्सिंग होम में बेटे की हुई मौत पर बोले संजय चौहान

बुधवार से प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने अनशन पर बैठेंगे
जब तक नहीं मिलेगा न्याय, अनशन पर बैठे रहने का लिया प्रण
भागलपुर : आठ माह के बेटे की मौत से चौहान कोचिंग के डायरेक्टर संजय चौहान के आंसू नहीं रुक रहे. सोमवार को उन्होंने बताया कि उनके बेटे की हत्या की गयी है. चिकित्सक डॉ अजय सिंह की लापरवाही की वजह से बेटे की मौत हुई है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक अभिमन्यु की तरह लड़ते रहेंगे. इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने बुधवार से अनशन पर बैठ जायेंगे. तब तक अनशन पर बैठे रहेंगे, जब तक कि न्याय नहीं मिल जाता. मंगलवार को मुख्यमंत्री आ रहे हैं. उनके कार्यक्रम में कोई व्यवधान नहीं हो, इसलिए बुधवार से अनशन पर बैठेंगे.
श्री चौहान ने बताया कि कौन बाप होगा, जिससे डॉक्टर उसके बच्चे को भरती करने कहेगा और बाप अपने बेटे को लेकर घर चला जायेगा. डॉ अजय सिंह के नर्सिंग होम में जब भरती कराया, तो उनका कहना था कि मामूली बात है. उल्टी-दस्त हो रहा है, ठीक हो जायेगा. रात में डॉक्टर से कहा भी कि स्थिति बताइये, लेकिन उन्होंने इसे मामूली बताते हुए उनको (संजय चौहान को) कहा कि अाप पागल हो गये हैं. दबाव डाला, तो डॉ आरके सिन्हा को बुलाया गया.
डॉ सिन्हा आये और चेकप किये. डॉ सिन्हा ने तत्काल बताया कि इंसेफलाइटिस हो गया है. डॉ सिन्हा ने प्रेशर मापने कहा, तो डॉ सिंह ने कहा कि उनके पास प्रेशर मशीन नहीं है. डॉ सिंह ने डॉ सिन्हा से प्रेशर मशीन देने कहा, तो डॉ सिन्हा का कहना था कि प्रेशर मशीन दीवाल में अटैच है, इसलिए नहीं दे सकते. इसके बाद आइसीयू में भरती कराने की बात कही गयी और पल्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. पल्स हॉस्पिटल लेकर गये. वहां डॉक्टर का कहना था कि वे बच्चे के डॉक्टर नहीं हैं, फिर भी कहेंगे तो इलाज शुरू करेंगे. इसी दौरान उन्होंने रांची के रानी हॉस्पिटल से संपर्क किया, जहां से एंबुलेंस चल चुकी थी. लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका.

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