निरीक्षण. चीफ इंजीनियर के साथ प्रबंध निदेशक ने पहुंचे विक्रमशिला सेतु
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पुल की मरम्मत कराने का निर्देश
निरीक्षण. चीफ इंजीनियर के साथ प्रबंध निदेशक ने पहुंचे विक्रमशिला सेतु भागलपुर : पुल निर्माण निगम, पटना के प्रबंध निदेशक रंजन कुमार और चीफ इंजीनियर अशोक कुमार वर्मा स्थानीय इंजीनियर के साथ विक्रमशिला सेतु का जायजा लेने बरारी पहुंचे. उन्हें वह पाया नहीं मिला, जिसमें दरार आ रही है. इस पर प्रबंध निदेशक श्री कुमार […]
भागलपुर : पुल निर्माण निगम, पटना के प्रबंध निदेशक रंजन कुमार और चीफ इंजीनियर अशोक कुमार वर्मा स्थानीय इंजीनियर के साथ विक्रमशिला सेतु का जायजा लेने बरारी पहुंचे. उन्हें वह पाया नहीं मिला, जिसमें दरार आ रही है. इस पर प्रबंध निदेशक श्री कुमार ने पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर के वरीय परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार सिंह सहित स्थानीय इंजीनियर को फटकारा और स्थानीय लोगों से इसकी जानकारी लेने की बात कही. इंजीनियर ने स्थानीय लोगों से पूछताछ की.
लोगों द्वारा बताये जाने पर प्रबंध निदेशक श्री कुमार निरीक्षण करने पाया संख्या 15 व 16 तक पहुंच सके. पाया तक वह नाव से पहुंचे. इंजीनियर की टीम सेतु पर गयी और जगह-जगह पुल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टूटे रेलिंग, ज्वाइंट एक्सपेंशन की बढ़ रही गेपिंग को देखा. उन्होंने यह भी देखा कि किस तरह से सेतु का एक स्लैब-दूसरे स्लैब के पोजीशन में नहीं है. पुल निर्माण निगम के इंजीनियर की टीम सेतु का निरीक्षण कर सीधे विजय घाट पुल के लिए रवाना हो गयी. विजय घाट पुल का निरीक्षण कर वे सभी दोपहर के लगभग 12 बजे भागलपुर लौटे.
प्रबंध निदेशक श्री कुमार ने बताया कि पाया का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि पाया को फेरीफेरल वाल है, जिसका कंक्रीट झड़ गया है और छड़ निकल गया है. उन्होंने बताया कि पाया को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. फिर भी स्थानीय इंजीनियर को मेंटेंनेस करने का निर्देश दिया है.
10 िदन में शुरू होगी पुल की मरम्मत
15 करोड़ डीपीआर की स्वीकृति को लेकर भेजा रिमाइंडर
विक्रमशिला सेतु का रखरखाव लगभग 15.95 करोड़ से होना है. इसके डीपीआर की स्वीकृति के लिए पुल निर्माण निगम के मुख्यालय ने मंगलवार को पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय को रिमाइंडर भेजा. विक्रमशिला सेतु के मरम्मत की योजना का डीपीआर लगभग साल भर से पथ निर्माण के मुख्यालय में पड़ा है, जिसे अबतक स्वीकृति नहीं मिल सकी है. अधिकारी ने बताया कि पुल निर्माण निगम, पटना द्वारा 30 मार्च को भी चेयरमैन स्तर से रिमाइंडर भेजा गया था. इससे पहले भी जनवरी में रिमाइंडर भेजा था. पथ निर्माण विभाग न तो मंजूरी दे रही है और न ही फंड. इस वजह से मरम्मत नहीं हो रहा है.
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