इलाज के लिए भटकते रहे मरीज
डॉक्टर का विरोध. बंद रहे शहर के नर्सिंग होम व क्लिनिक भागलपुर : शहर के चिकित्सक पटना में आयोजित आइएमए (भारतीय चिकित्सा संघ) की रैली में शामिल होने के लिए शनिवार को गये. क्लिनिकल इस्टब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में यह रैली की जा रही है. विरोध में भागलपुर के करीब 400 नर्सिंग होम एवं क्लिनिक […]
डॉक्टर का विरोध. बंद रहे शहर के नर्सिंग होम व क्लिनिक
भागलपुर : शहर के चिकित्सक पटना में आयोजित आइएमए (भारतीय चिकित्सा संघ) की रैली में शामिल होने के लिए शनिवार को गये. क्लिनिकल इस्टब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में यह रैली की जा रही है.
विरोध में भागलपुर के करीब 400 नर्सिंग होम एवं क्लिनिक बंद रहे. नर्सिंग होम एवं क्लिनिक के बंद होने से यहां पर इलाज के लिए आये मरीज भीषण गरमी में इलाज के लिए एक से दूसरे नर्सिंग होम भटकते रहे. उन्हें जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) में इलाज कराना पड़ा. गोड्डा जिले के गोसीचक गांव की पांच साल की आर्या झा काे लू लग गया था. इलाज के लिए उसे शहर में कोई हॉस्पिटल नहीं मिला तो करीब तीन बजे वह मायागंज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में भरती हुई. नवगछिया निवासी 50 साल के राम भरोसे को 10 दिनों से बुखार, सर्दी-खांसी की शिकायत थी. स्थानीय अस्पताल में दिखाने पर कोई फायदा नहीं हुआ तो उसे उसका बेटा गुड्डू शहर ले आया इलाज के लिए. कई हॉस्पिटल में भटकने के बाद उसे जब इलाज की सुविधा नहीं मिली तो वह अपराह्न एक बजे मायागंज हॉस्पिटल में भरती हुआ. यहां पर उसका इलाज शुरू हो गया.
भर गया इमरजेंसी वार्ड, गैलरी में हुआ इलाज : मायागंज हॉस्पिटल में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा रही. शनिवार को दोपहर दो बजे इमरजेंसी वार्ड में मेडिसिन में 30, सर्जरी में 20 व पीडियाट्रिक्स वार्ड में 6 मरीज भरती हुए थे. रात 11 बजे तक इन मरीजों की संख्या 90 को पार कर गयी थी. गुरुवार को यहां पर 57 एवं शुक्रवार को 71 मरीज भरती किये गये थे. मरीजों की संख्या ज्यादा होने से यहां इमरजेंसी के सभी बेड तो फुल थे ही. जो बचे उन्हें गैलरी में बेड देकर इलाज किया गया.ओपीडी में औसतन 800 से 1000 मरीज इलाज कराते हैं. लेकिन नर्सिंग होमों एवं क्लिनिक की हड़ताल के कारण ओपीडी में इलाज करानेवाले मरीजों की संख्या शनिवार को 1215 रही.