चार आरोपित दोषी एक हुए रिहा

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला हत्याकांड में ऋषि मंडल और सुभाष मंडल को मिल चुकी है उम्रकैद हरेराम मंडल और ऋषि मंडल के गैंगवार से हुई थी हत्याएं भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने डोभी (सन्हौला) में एक जनवरी 2007 को हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में मंगलवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2016 4:46 AM

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला

हत्याकांड में ऋषि मंडल और सुभाष मंडल को मिल चुकी है उम्रकैद
हरेराम मंडल और ऋषि मंडल के गैंगवार से हुई थी हत्याएं
भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने डोभी (सन्हौला) में एक जनवरी 2007 को हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में मंगलवार को सुजीत मंडल, विलास मंडल, शालीग्राम मंडल और विनोद मंडल को दोषी करार दिया है.
वहीं मुरारी मंडल को घटना में निर्दोष पाते हुए रिहा कर दिया. कोर्ट चारों दोषी आरोपित के खिलाफ 18 मई को सजा सुनायेगी. इससे पहले कोर्ट ने उक्त मामले में मुख्य आरोपित ऋषि मंडल और सुभाष सिंह को उम्रकैद की सजा दे चुकी है.
मामले में अपर लोक अभियोजक जयदेव प्रसाद और बचाव पक्ष में आरोपित विनोद मंडल की तरफ से भवेश मंडल, मुरारी मंडल के कौशलेंद्र कुमार सिन्हा, शालीग्राम मंडल और विलास मंडल के अरुण कुमार झा और सुजीत मंडल के लिए पन्ना सिंह ने पैरवी की.
यह था मामला
एक जनवरी 2007 को गांव डोभी (सन्हौला) में शाम छह बजे समली पासवान अपने घर के समीप खड़े थे. तभी कुछ लोग अपने साथियों के साथ आ गये. गेरुआ नदी को पार करके आये ऋषि मंडल, भोला मंडल, दीना मंडल, बिंदु मंडल आदि ने गाली-गलौज शुरू कर दी. वे झकसु मंडल को खोज रहे थे. इन लोगों के डर से समली पासवान घर में छिप गये. ऋषि मंडल और उनके साथियों ने दरवाजा में धक्का मारते हुए फायर झोंक दिया. इस दौरान समली पासवान की पत्नी बबली देवी भागने लगी. ऋषि मंडल ने कट्टा के कुंदा से बबली देवी के सिर पर वार कर किया,
जिससे उसकी मौत हो गयी. ऋषि मंडल और साथी घटना को अंजाम देकर गांव वालों को चुप रहने की चेतावनी देते हुए गेरुआ नदी के उस पार चले गये. वहां सभी हरेराम मंडल के घर गये, जहां उसकी मां पागो देवी को ऋषि मंडल ने मार दिया. इस दौरान रिटायर रेलवे कर्मचारी महादेव मंडल ने विराेध किया तो उसे भी मार दिया और उसकी पत्नी फगुनी देवी को बुरी तरह जख्मी कर दिया.
तीन हत्या के बाद ऋषि मंडल ने ग्रामीणों को पुलिस को सूचना नहीं देने की चेतावनी दी और भाग गये.
अगले दिन सुबह गांव डोभी में चौकीदार के पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ और तमाम पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल पर गये. समली पासवान की शिकायत पर थाना आमडंडा में आठ आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.

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