साइबर अपराधियों का शिकार पीड़ित पिछले तीन महीनों से साइबर थाना का चक्कर लगा रहा है. वह हर सप्ताह कहलगांव से भागलपुर पहुंचता है. जहां उसे बाद में आने की बात कह कर भेज दिया जाता है. पीड़ित युवक रविवार को भी साइबर थाना पहुंचा था. उसने नाम की जानकारी नहीं देते हुए बताया कि तीन माह पूर्व फरवरी में उन्हें टेलीग्राम एप के जरिये एक मैसेज प्राप्त हुआ. इसमें ऑनलाइन कंपनी की साइट पर आनेवाले ऑर्डर को रिसीव करने का काम दिये जाने और मोटी सैलरी दिये जाने की बात कही गयी. दिये जाने वाली मोटी सैलरी को देख वह झांसे में आ गये. कॉल करनेवाले ठग के कहने पर उन्होंने अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर कुल 80 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया. मगर नाैकरी नहीं लगी. जब उन्हें एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गये तब उन्होंने फौरन साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर इसकी शिकायत की. उक्त शिकायत किये जाने के बाद उन्हें मैसेज प्राप्त हुआ कि उनके खाते से निकासी हुए पैसों में से 35 हजार रुपये होल्ड करा दिये गये हैं. साथ ही स्थानीय साइबर थाना में इस संबंध में केस दर्ज कराने को भी कहा गया. पर पिछले तीन माह से वह अपनी शिकायत को लेकर साइबर थाना के चक्कर लगा रहे हैं. तीन माह पूर्व ही उन्होंने साइबर थाना में इस संबंध में आवेदन भी दिया था.
चोरी की बाइक, नहीं खुला लॉक तो गली में फेंका
सैंडिस कंपाउंड में शाम के वक्त वाकिंग करने आये भीखनपुर निवासी गुड्डू झा अपनी बाइक कोर्ट गेट नंबर 1 के पास पार्क की थी. देर शाम सैंडिस से लौटने के बाद उनकी बाइक वहां से गायब थी. इसके बाद उन्होंने बाइक की खोजबीन शुरू की. इसकी सूचना देने के लिए वह तिलकामांझी थाना जा ही रहे थे कि उनकी बाइक कोर्ट के बगल से पीएचडी कार्यालय की ओर जाने वाली गली पर गिरी हुई एक बाइक पर पड़ी. जब वह बाइक देखने पहुंचे तो वह उनकी ही निकली. बाइक का हैंडल तो खुला था पर बाइक में लगे डबल लॉक को शायद चोर नहीं तोड़ पाये. इस वजह से उन्होंने बाइक को गली में ही फेंक दी और फरार हो गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है