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महिलाओं की सूनी गोद हो जाती है आबाद

बिहपुर : प्रखंड के मिलकी गांव में हिंदू मुसलिम व सांप्रदायिक एकता एवं सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक बन चुके दाता मांगन शाह रहमतुल्ला अलैह के मजार पर सालाना उर्स 24 मई से हो रहा है. दाता के मजार से सटे विशाल बरगद का पेड़ का भी अनूठा इतिहास है. ऐसी मान्यता है कि नि:संतान महिलाएं […]

बिहपुर : प्रखंड के मिलकी गांव में हिंदू मुसलिम व सांप्रदायिक एकता एवं सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक बन चुके दाता मांगन शाह रहमतुल्ला अलैह के मजार पर सालाना उर्स 24 मई से हो रहा है. दाता के मजार से सटे विशाल बरगद का पेड़ का भी अनूठा इतिहास है. ऐसी मान्यता है कि नि:संतान महिलाएं औलाद की मन्नत मांगते हुए बरगद के पेड़ में अपने आंचल के टुकड़े में पत्थर लपेट कर बांधती हैं. दाता के करम से कुछ समय बाद

नि:संतान महिलाओं की गोद आबाद हो जाती है. उर्स इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष मो अजमत अली,उपाध्यक्ष मो इरफान आलम,मोईन राईन, अबुल हसन, असद राही, शहाबुद्दीन, शाह वकील, तसलीम, ध्रुव नारायण दुबे उर्फ हौलू बाबू आदि बताते हैं कि नि:संतान महिलाओं का दाता के साथ-साथ इस पेड़ पर अटूट श्रद्धा है. पेड़ का इतिहास भी दाता के मजार की तरह लगभग 250 वर्ष पुराना है.

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