नाबालिग प्रेमी युगल ने जहर खा दी जान

भागलपुर : हम मिल नहीं पायेंगे. गांव के लोग शादी नहीं करने देंगे. हम एक दूसरे के नहीं हो पाये तो किसी और के भी नहीं होंगे. समाज के विरोध और एक दूसरे के नहीं हो पाने के पूर्वानुमान में पड़ दो नाबालिगों ने अपनी जान दे दी. मुंगेर के असरगंज के विक्रमपुर के रहनेवाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 6:59 AM

भागलपुर : हम मिल नहीं पायेंगे. गांव के लोग शादी नहीं करने देंगे. हम एक दूसरे के नहीं हो पाये तो किसी और के भी नहीं होंगे. समाज के विरोध और एक दूसरे के नहीं हो पाने के पूर्वानुमान में पड़ दो नाबालिगों ने अपनी जान दे दी. मुंगेर के असरगंज के विक्रमपुर के रहनेवाले दसवीं के छात्र सुमन और

उसके घर के बगल में ही रहनेवाली उसकी प्रेमिका रूबी ने अपने प्यार को सफल होता नहीं देख मंगलवार की सुबह जहर खा लिया. असरगंज अस्पताल से रेफर होने के बाद मायागंज लाये जाने के दौरान रास्ते में ही रूबी की मौत हो गयी जबकि मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान सुमन ने भी दम तोड़ दिया. दो नाबालिगों की प्रेम कहानी पर विराम लग गया.

मुंगेर निवासी नाबालिग…

दोनों सुबह भागे थे, दियारा में दिखे तो पकड़ कर ले आये : रूबी के परिजनों ने बताया कि दोनाें अपने-अपने घरों से मंगलवार को अहले सुबह तीन बजे भाग गये थे. घरवालों को पता नहीं चल पाया कि वे दोनों

कहां गये. सुबह दियारा में काम करने गये कुछ लोगों ने दोनों को देखा. पहचानने पर दोनों को पकड़ कर गांव ले आये. घरवालों का कहना है कि दोनों ने दियारा में ही जहर खा लिया था. दोनों ने कब जहर खाया ये ताे जांच का विषय है. सुमन और रूबी काे असरगंज अस्पताल ले जाया गया जहां से दोनों को मायागंज रेफर कर दिया गया.

असरगंज के रहनेवाले सुमन और रूबी ने एक साथ खाया जहर

दोनों को इलाज के लिए लाया गया था मायागंज

रूबी की रास्ते में ही हो गयी थी मौत, सुमन ने अस्पताल में दम तोड़ा

मंगलवार सुबह दोनों घर से भागे थे, दियारा में जाकर खाया जहर

घर वालों को पता नहीं ऐसा कैसे हो सकता है?

सुमन और रूबी के परिजन मायागंज पहुंचे. दोनों के घरवालों का कहना है कि उनके प्रेम संबंध की उन्हें जानकारी नहीं थी. हालांकि इस पर विश्वास करना मुश्किल है. अगर दोनों के परिजनों को प्रेम संबंध के बारे में पता ही नहीं था तो सुमन और रूबी किससे डर रहे थे. आखिर उन्हें इतना डर क्यों लगा कि उन्होंने जान देना ही बेहतर समझा.

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